बिहार से अधिक लाचार सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था कहीं नहीं : महागठबंधन

Last Updated 14 Nov 2019 03:37:21 PM IST

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराये जाने को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि प्रदेश से अधिक बेबस और लाचार सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था कहीं नहीं है।


महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट में वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा,‘‘असहनीय ! महान गणितज्ञ वशिष्ठ बाबू के निधन पर घड़यिाली आंसू बहाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं इतने संवेदनहीन हो चुके हैं कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग और पीएमसीएच की कुव्यवस्था से क्या मतलब है। इससे ज्यादा बेबस और लाचार सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था कहीं नहीं होगी।’’

राजद के राज्यसभा सांसद एवं प्रवक्ता मनोज झा ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा,‘‘लेजेंड थे वशिष्ठ बाबू।’’ उन्होंने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह का शव पीएमसीएच के बाहर घंटों पड़े रह जाना हमारी संवेदनहीनता की गाथा बयान कर रहा है। वहीं, राजद नेता विजय प्रकाश ने कहा कि सरकार जब बिहार की विभूति महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं करा सकती तो आमलोगों का भगवान ही मालिक है।

 बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस के अभाव में आधे घंटे तक अस्पताल में पड़ा रहा, यह बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि सरकार की जो भी लापरवाही हो लेकिन कांग्रेस मानती है कि किसी पर दोषरोपण करने के बजाए खुद भी मांफी मांगनी चाहिए। उन्होंने वशिष्ठ बाबू के परिजनों से मांफी मांगते हुए कहा कि वह कुछ कर नहीं सके इसके लिए माफी।

कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि यह बिहार की विभूति महान गणितज्ञ  सिंह का न केवल अपमान है बल्कि सरकार की उदासीनता एवं संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब मरणोपरांत सिंह के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस नहीं मिला तो जाहिर है सरकार ने वशिष्ट बाबू का इलाज कैसे कराया होगा। कांग्रेस चाहती है कि बिहार की इस विभूति को बिहार रत्न और भारत रत्न मिले।

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद इस प्रकरण पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिह के परिजनों को हुई असुविधा दुखद है। उन्होंने कहा कि वशिष्ट सिंह के पार्थिव शरीर के साथ ऐसा होना पीड़ादायक है।

 प्रसाद ने कहा कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में पीएमसीएच से जानकारी मांगी जा रही है। जो भी जबाबदेह है उसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वशिष्ट बाबू ने केवल बिहार का बल्कि देश का नाम रोशन किया है। उनके निधन से हम सभी मर्माहत हैं।’’ 

 वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इस मामले पर सफाई देते हुऐ कहा कि जब वशिष्ठ नारायण सिंह को पीएमसीएच लाया गया तब उनका निधन हो चुका था। शव का पोस्टमॉर्टम किया जाए या नहीं, इस पर चिकित्सकों ने विचार-विमर्श में काफी समय लगा दिया। इस विचारक्रम के दौरान उनका पार्थिव शरीर वहां रखा रह गया। उन्होंने कहा कि सिंह के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए पीएमसीएच प्रबंधन की ओर से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने का आरोप सही नहीं है। उन्होंने कहा कि फिर भी यह मामला सामने आया है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती देने वाले  महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज सुबह पीएमसीएच, पटना में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के  थे। वह मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ति थे। इस बीच एक अफसोसजनक और शर्मनाक वाकया यह हुआ कि उनके शव को घर ले जाने के लिए पीएमसीएच प्रशासन एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करा पाया। निधन के बाद अस्पताल प्रबंधन ने केवल मृत्यु प्रमाण-पा देकर पल्ला झाड़ लिया।

इस दौरान जब वशिष्ठ नारायण सिंह के छोटे भाई से पूछा गया तो उन्होंने कहा , ‘‘हम अपने पैसे से अपने भाई का शव गांव ले जाएंगे। मेरे भाई के निधन की खबर के बाद से न तो कोई अधिकारी आया है और न ही कोई राजनेता।’’ हालांकि हंगामा मचने के काफी देर बाद पीएमसीएच ने एंबुलेंस की व्यवस्था की।

 

 

वार्ता
पटना


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