RSS व 19 संगठनों की जांच पर सियासत तेज
नीतीश सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके 19 अनुषांगिक संगठनों तथा अधिकारियों की गतिविधियों की जांच को लेकर दिए गए आदेश पर घमासान शुरू हो गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो) |
जदयू के नेता इस संबंध में जहां कुछ कहने से बच रहे हैं वहीं भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
बिहार पुलिस की विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) के एक अधिकारी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके अनुषांगिक संगठनों और उसके अधिकारियों की जानकारी इकट्ठा करने के फरमान के तूल पकड़ने पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि सुरक्षा के लिए यह जानकारी जुटाई जा रही थी। अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जेएएस गंगवार ने बुधवार को कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों की जानकारियां जुटाई जा रही थी। गंगवार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में सफाई देते हुए कहा, आरएसएस और उससे जुड़े 19 संगठनों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा आदेश निर्गत हुआ है।
यह आदेश इस साल 28 मई को विशेष शाखा ने सभी क्षेत्रीय पुलिस उपाधीक्षक, विशेष शाखा और सभी जिला विशेष शाखा के पदाधिकारी को जारी किया गया है। इस आदेश में इन संगठनों के पदाधिकारियों का नाम और पते की जानकारी इकट्ठा कर एक सप्ताह में मांगा गया है। इस आदेश पत्र में ‘इसे अतिआवश्यक’ बताया गया है।
जांच के दायरे में संगठन
विशेष शाखा की ओर से जारी आदेश में आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया है।
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