बिहार में बाढ़ का कहर, अब तक 67 लोगों की मौत, 47 लाख लोग प्रभावित

Last Updated 18 Jul 2019 03:45:20 PM IST

बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों के जलस्तर में गुरुवार को भले ही कमी हुई है, परंतु राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानियों में अभी कोई कमी नहीं आई है।


राज्य के 12 जिलों में अभी भी बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। राज्य के 12 जिलों के 92 प्रखंडों के 831 पंचायतों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे करीब 47 लाख की आबादी प्रभावित है।

इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं। सबसे अधिक 47 लोगों की मौत सीतामढ़ी जिले में हुई है जबकि अररिया में 12 व मधुबनी में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार में नेपाल से आने वाली कोसी नदी सहित कई नदियों के जलस्तर में गुरुवार को कमी दर्ज की गई है।

वीरपुर बैराज के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक सुबह छह बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1़24 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था जो आठ बजे घटकर 1़20 लाख क्यूसेक पहुंच गया।

इधर, वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक नदी के जलस्तर में हालांकि मामूली वृद्घि दर्ज की गई है।

जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने आईएएनएस को बताया कि नदियों के जलस्तर में कमी आई है परंतु अभी भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती नदी ढेंग, डुबाधार, हायाघाट व बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी भी झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अधवारा और महानंदा नदी भी कई स्थानों पर खतरों के निशान को पार कर गई है।



राज्य में शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चांरण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफरपुर, सहरसा, कटिहार और पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, दरभंगा में है। प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव के लिए 125 मोटरबोट को तैनात किया गया है तथा एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 26 टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 137 राहत शिविरों में 1़14 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। 1,116 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं। अब तक 12 जिलों के 92 प्रखंडों की 831 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं।

 

आईएएनएस
पटना


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