भागने के लिए आतंकवादी संगठनों से वित्तीय म

Last Updated 18 Jan 2010 03:37:32 PM IST


शिकागो। मुंबई हमलों की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार पाकिस्तानी कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा की हिरासत की मांग कर रहे संघीय अभियोजकों ने कहा है कि यदि राणा को मुचलके पर रिहा किया जाता है तो वह देश से भागने के लिए खतरनाक आतंकवादी संगठनों से वित्तीय मदद ले सकता है। अभियोजकों ने कहा कि राणा का नाम साजिशकर्ता के तौर पर लिया गया है और वह अपने खिलाफ दर्ज नये आरोपों में कड़े आजीवन कारावास की सजा पा सकता है। राणा ने अपनी हिरासत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। उसके आवेदन पर अभियोजकों ने 33 पन्नों में सरकारी जवाब दिया है और कहा है कि यदि उसे रिहा किया जाता है तो वह सजा से बचने के लिए भाग सकता है। अभियोजकों डेनियल कालिन्स और विक्टोरिया पीटर्स ने 15 जनवरी को अपना जवाब दाखिल किया था। इससे एक दिन पहले ही राणा और सह आरोपी डेविड हेडली पर एक ग्रांड ज्यूरी ने मुंबई तथा डेनमार्क में हमलों की साजिश में शामिल होने के 12 मामलों में आरोप निर्धारित किए थे। जवाब में कहा गया है कि राणा पर अतिरिक्त आरोप लगाये गये हैं, जो वास्तव में और भी गंभीर हैं। मजिस्ट्रेट नान नोलन ने राणा को जमानत से इंकार किया। उन्होंने कहा कि यदि उसे मुचलके पर रिहा किया जाता है तो वह संभावित 30 साल की कैद की सजा से बचने के लिए देश से भाग सकता है। हालांकि अब भारत में सार्वजनिक उपयोग के स्थानों पर बम लगाने और हत्याएं करने की साजिश के आरोपों में राणा को अधिकतम सजा उम्रकैद की दी जा सकती है, जिससे उसके देश से भाग जाने की संभावना बढ़ सकती है। राणा यह दलील दे रहा है कि क्योंकि हेडली अब हिरासत में है, इसलिए इस तरह का कोई जोखिम नहीं दिखाई देता कि अभियुक्त का (राणा का) कथित आचरण दोहराया जा सकता है। इस पर अभियोजकों ने दलील दी कि राणा न केवल हेडली के संपर्क में है बल्कि अब्दुर रहमान हाशिम सैयद (पाशा) के भी सीधे संपर्क में है, जिसके खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है। सरकार के जवाब के मुताबिक, पाशा अभियुक्त के इलयास कश्मीरी से संपर्क की कड़ी है, कश्मीरी पाकिस्तान के सर्वाधिक वांछितों में से एक है और अल कायदा से उसका सीधा नाता है। नये आरोपपत्र में राणा को ’पर्सन ए’ नाम से पहचाने गये एक शख्स से सीधे संपर्क में बताया है। अभियोजकों ने कहा, यदि राणा भाग जाता है तो वह इन अंतरराष्ट्रीय संपर्कों से न केवल आर्थिक और अन्य सहायता हासिल कर सकता है बल्कि यह भी सच है कि घातक आतंकवादी संगठनों के सदस्यों से उसके संपर्क भी प्रतिवादी को हिरासत में लेने का मजबूती से समर्थन कर रहे हैं। राणा को 21 जनवरी को अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। उसका कहना है कि नोलान उसकी पाकिस्तानी पृष्ठभूमि से अनुचित तरीके से चिंतित हैं। लेकिन अभियोजकों का कहना है कि न्यायाधीश पाकिस्तान में स्थित एक आतंकवादी संगठन से उसके रिश्ते को लेकर उचित तौर पर चिंतित हैं। शिकागो की एक अदालत में 30 दिसंबर को एक आवेदन में राणा ने अपनी हिरासत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। राणा ने अपने वकील पैट्रिक ब्लेगन के जरिये कहा था कि क्योंकि वह पाकिस्तानी सेना का भगोड़ा है और उसके पास लुकाछिपी के अंतरराष्ट्रीय खेल के लिए वित्तीय संसाधन नहीं है, इसलिए मुचलके पर रिहा किये जाने पर वह देश से भागेगा नहीं। राणा के आवेदन में यह भी कहा गया है कि यदि वह पाकिस्तान या कनाडा भाग भी जाता है तो अमेरिका इन देशों से अपनी प्रत्यर्पण संधि का इस्तेमाल उसे वापस लाने में कर सकता है।



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