विश्व धरोहर बना शांतिनिकेतन, यूनेस्को ने दी मान्यता

Last Updated 18 Sep 2023 11:38:33 AM IST

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल कर लिया गया है। सऊदी अरब में रविवार को हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। अब भारत में 41 ऐसे स्थल में जो विश्व धरोहर में शामिल हैं।


Shantiniketan

शांतिनिकेतन की शुरुआत रविंद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में एक आश्रम के तौर पर की थी। 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे प्राचीन भारत के गुरुकुल सिस्टम पर आधारित रेजिडेंशियल स्कूल और आर्ट सेंटर में बदला। टैगोर ने 1921 में यहां विश्व भारती की स्थापना की, जिसे 1951 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का लंबा समय यहां बिताया था। शांतिनिकेतन के वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने की घोषणा होने पर विश्व भारती यूनिवर्सिटी में सजावट की गई।

​​​​शांतिनिकेतन के यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी जताई है। पीएम मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांतिनिकेतन को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल है। वहीं, एस जयशंकर ने कहा कि यह देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस घोषणा के बाद विश्वभारती यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने पारंपरिक कपड़े पहने और रवींद्र-संगीत पर डांस किया।

ममता बनर्जी ने कहा कि शांतिनिकेतन का हेरिटेज लिस्ट में शामिल होना हमारे लिए खुशी और सम्मान की बात है। पिछले 12 सालों में हमारी सरकार ने शांतिनिकेतन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है। उधर विश्व भारती यूनिवर्सिटी में फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने ढोल के साथ जुलूस निकाला।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि शांतिनिकेतन वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने वाली भारत की 41वीं धरोहर है। लंबे समय से इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की मांग की जा रही थी। इससे पहले आगरा किला, अजंता की गुफाएं, ताजमहल, कोणार्क सूर्य मंदिर, काजीरंगा नेशनल पार्क, फतेहपुर सीकरी, सांची और जयपुर के जंतर मंतर समेत कई धरोहरों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। आम तौर पर इसमें सांस्कृतिक ,प्राकृतिक और मिश्रित स्थलों को विश्व धरोहरों में शामिल किया जाता। इन धरोहरों को संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को आर्थिक मदद भी करता है।

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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