जम्मू-कश्मीर: CRPF जवान ने दिखाई दरियादिली, भूखे बच्चे को खिलाया अपना खाना, देखें वीडियो
सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले में बच जाने के बाद नई जिंदगी पाना तो ठीक है, लेकिन एक अपाहिज बच्चे को भोजन कराना वाकई में एक 'संतोषजनक क्षण' है।
CRPF जवान ने भूखे बच्चे को खाना को खिलाया अपना खाना |
श्रीनगर की एक सड़क पर भूखे बच्चे को भोजन कराते हुए सिंह का एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के 44 वर्षीय सिख सैनिक ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिसे लेकर मंगलवार को उनकी व्यापक तौर पर प्रशंसा हुई। सिंह सीआरपीएफ में बतौर ड्राइवर कार्यरत हैं।
सिंह सीआरपीएफ के काफिले के 78 वाहनों में से एक के ड्राइवर थे, जिसपर पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावरों ने 14 फरवरी को हमला किया था। सिंह ने उस दौरान हमले में घायल हुए कई सैनिकों की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
31 सेकंड के वीडियो में सिंह श्रीनगर के पुराने शहरी इलाके में एक बंद दुकान के सामने सीढ़ियों पर बैठे एक बच्चे को भोजन करा रहे हैं, जो काले रंग की ड्रेस और गुलाबी रंग की चप्पल पहने है। वह बच्चे का मुंह धोते हैं और उसे पानी पिलाते हैं।
यह पता नहीं चल पाया है कि वीडियो किसने बनाया। ट्विटर पर इस क्लिप के साझा किए जाने के चंद घंटों के भीतर इसे हजारों की संख्या में लोगों ने देखा और 6,000 ये अधिक लोगों ने ट्वीट किया। जवान के ममत्व की राज्य में धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक विभाजन से ऊपर उठकर सभी लोगों ने प्रशंसा की।
"Humanity is the mother of all religions"
— Srinagar Sector CRPF (@crpf_srinagar) May 14, 2019
HC Driver Iqbal Singh of 49 Bn Srinagar Sector CRPF deployed on LO duty feeds a paralysed Kashmiri kid in Nawakadal area of Srinagar. In the end, asks him "Do you need water?"
"Valour and compassion are two sides of the same coin" pic.twitter.com/zYQ60ZPYjJ
वीडियो के वायरल होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक शीर्षक के साथ उसे रीट्वीट किया। शीर्षक था- "कश्मीर में तैनात सशस्त्र बलों को अक्सर एक जैसे नजरिए से देखा जाता है। लेकिन इस तरह का नजरिया कभी-कभी सरासर गलत साबित हो जाता है। इस व्यक्ति की दया और मानवता को सलाम।"
सिंह ने बताया, "मैं श्रीनगर के नवाकदाल इलाके में लगभग 12.30 बजे अपना लंच कर रहा था, तभी मैंने देखा कि लगभग 10 साल का बच्चा एक बंद दुकान की सीढ़ियों पर बैठा है और मुझसे खाना मांग रहा है। मैं उसके पास गया और उसे अपना लंच बॉक्स दे दिया। जब मुझे पता चला कि उसका हाथ अपाहिज है और वह खुद से खा नहीं सकता, तो मुझे बहुत दुख हुआ। उसके बाद मैंने बच्चे की गोद में एक शीट रख दी और उसे चावल और चना दाल खिलाया।"
सिंह ने कहा, "यह सीआरपीएफ का बुनियादी प्रशिक्षण है कि हर किसी की मदद करो, चाहे वह कोई सीआरपीएफ जवान हो या कोई नागरिक। यह मानवता है। मैंने इसी सोच के कारण बच्चे को खाना खिलाया। मुझे नहीं पता कि वीडियो किसने बनाया।"
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने बच्चे के निवास और उसके नाम के बारे में उससे पूछा? सिंह ने कहा, "मुझे नहीं पता महोदय। मैंने उसे अपने वाहन के पास पाया। खाना खाने के बाद बच्चा कहीं चला गया। चूंकि वह ठीक से बोल नहीं पा रहा था, इसलिए मैंने उससे उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पूछा।"
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