आम की ख्वाहिश ने इस कदर किया शख्स को दीवाना
टीवी पर आते एक विज्ञापन की मानें, तो आम का लालच उसके मुरीदों से जो ना करवा ले, वो कम है, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक शख्स ने शायद इसी फलसफे को ध्यान में रखते हुए आम खाने के जुनून में पूरा का पूरा बगीचा ही तैयार कर लिया है.
(फाइल फोटो) |
खास बात ये है कि मुलताई के जौलखेड़ा गांव का ये युवा किसान सतीश हगवे (30) अब अपने इस बगीचे में आने वाले हर शख्स को अपने बेहतरीन स्वाद वाले आम नि:शुल्क बांटने के लिए तैयार है, ताकि किसी को चंद रुपयों की खातिर स्वाद से समझौता ना करना पड़े.
सतीश ने बताया कि आम का बेहद शौकीन होने के चलते उन्होंने दो साल पहले गांव के एक किसान के खेत में लगे पेड़ से पत्थर मारकर आम तोड़ लिए. इस बात से नाराज किसान ने उनके साथ र्दुव्यवहार करते हुए आम की कीमत 100 रपए वसूल ली, इससे व्यथित होकर उन्होंने अपने पूरे खेत में आम के पौधे लगाने का निर्णय लिया.
अपनी ऊबड़-खाबड़ जमीन को समतल किया और आम का बगीचा लगाने में जुट गए. खेत में अब केसर, दशहरी, रतन और ग्रीन बांबे प्रजाति के आमों के लगभग 400 पौधों का बगीचा तैयार हो गया है.
उन्होंने बताया कि उन्होंने ये सभी पौधे पचमढ़ी से 20 रपए प्रति पौधे के हिसाब से लिए, जिन्हें एक निर्धारित दूरी पर लगाया. बारिश में पौधे पनप गए थे, लेकिन गर्मी में पानी की कमी से मुरझाने लगे, जिसके बाद उन्होंने सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम अपनाया.
अब बूंद-बूंद पानी से सभी पौधों की सिंचाई हो जाती है और पानी व्यर्थ नहीं बहता. कई पौधों में बौर आ गई हैं, जिनमें इस साल से फल भी आने लगेंगे. सतीश ने बताया कि उनके समान आम तोड़ने की कीमत किसी को चुकाना नहीं पड़े इसलिए पूरा बगीचा तैयार किया है. खेत में जो भी आएगा उसे फ्री में आम खिलाया जाएगा.
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