चुनाव आयोग ने चौकीदार बोलने से रोका : राहुल

Last Updated 03 May 2019 11:33:33 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को यहां इशारों इशारों में चुनाव आयोग पर हमला किया और कहा कि आयोग ने चौकीदार कहने से रोका है, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चौकीदार शब्द कहने से झिझकते हैं।


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रीवा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में यहां आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "जब भी चौकीदार बोलिए, जनता कहती है चोर है। अब चुनाव आयोग कह रहा है कि चौकीदार शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते, चौकीदार नहीं कह सकते। जब आप (गांधी) चौकीदार कहते हैं तो जनता कहती है चोर है। इसमें मेरी क्या गलती। मैं तो सिर्फ चैकीदार शब्द का इस्तेमाल करता हूं। अब नरेंद्र मोदी भी झिझककर चौकीदार शब्द नहीं बोलते। मोदी को लगता है कि अगर उन्होंने चौकीदार बोला तो दूसरी तरफ से भाजपा के लोग कहीं यह न कह दें कि चोर है।"

राहुल ने आगे कहा, "देश की जनता को लगा था कि मोदी जी किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों की चौकीदारी करेंगे, पर वह अडानी, अंबानी, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी के चौकीदार बन गए। लेकिन देश को पता चला कि चौकीदार चोर है।"

नोटबंदी और जीएसटी से हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) के कारण रीवा जिले में 12 हजार छोटे व्यापार बंद हुए। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने आपकी जेब से पैसा निकाला। तब अर्थव्यवस्था सामान्य तौर पर चल रही थी, दुकानें चल रही थीं, कारोबार चल रहा था। मोदी सत्ता में आए और उन्होंने देश की गरीब, आम जनता की जेब से पैसा निकालकर उद्योगपतियों को दे दिया।"

नोटबंदी के दौरान मोदी द्वारा किए गए वादों का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, "नोटबंदी के समय कहा गया था कि काले धन के खिलाफ लड़ाई है, आप को लाइन में लगा दिया, उसके बाद पता चला कि नीरव मोदी को 35 हजार करोड़ रुपये दे दिए, विजय माल्या को 10 हजार करोड़ रुपये दे दिए। नोटबंदी से जनता की जेब से पैसा निकलते ही उसके पास पैसा नहीं बचा, माल खरीदना बंद हो गया। इसका नुकसान व्यापारियों को हुआ। दुकानें बंद हुईं, फैक्टरी बंद हुई और उसके बाद युवाओं को नौकरी से निकाला गया। आज देश में 24 घंटे में 27 हजार युवा रोजगार खो रहे हैं।"

गांधी ने आरोप लगाया, "मोदी ने पांच साल अन्याय की सरकार चलाई और कांग्रेस न्याय की सरकार चलाना चाहती है। इसीलिए न्याय योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत हिंदुस्तान के सबसे गरीब लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा डाला जाएगा। 72 हजार रुपये साल के तीन लाख 60 हजार रुपये पांच सालों में। इस योजना से देश के पांच करोड़ परिवारों के 25 करोड़ लोगों को लाभ होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "न्याय योजना से देश के छोटे और मध्यम व्यापार करने वाले व्यापारियों को भी लाभ होगा। लाखों करोड़ रुपये सबसे गरीब परिवारों के खातों में जैसे ही जाएगा, खरीददारी शुरू होगी। यह खरीदी दुकानों से होगी, माल बिकना शुरू होगा, फिर फैक्टरी चालू होगी। उसके बाद युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस योजना का मकसद गरीबों की मदद तो है ही, साथ में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारना भी है।"

राहुल ने कहा, "किसी भी गाड़ी को बिना डीजल, पेट्रोल के स्टार्ट नहीं किया जा सकता। नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी, जीएसटी लगाकर हिंदुस्तान के इंजन से डीजल निकाल लिया। बिना पैसे के अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती, नोटबंदी और जीएसटी के जरिए पूरा पैसा निकाल लिया। कांग्रेस की न्याय योजना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को चालू करने का पहला कदम होगी। इससे सिर्फ गरीब नहीं, बल्कि व्यापारियों, युवाओं और किसानों को भी फायदा होगा।"

न्याय योजना का ब्यौरा देते हुए गांधी ने कहा, "जिस भी व्यक्ति की आमदनी 12 हजार रुपये माह से कम है, उसके खाते में इस योजना की राशि तब तक जाएगी, जब तक उसकी आमदनी 12 हजार रुपये प्रति माह नहीं हो जाती।"



राहुल गांधी ने राज्य पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और केंद्र की मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "शिवराज सिंह चौहान ने 20 हजार घोषणाएं की, अब तो लोग उन्हें देखते ही कहने लगे कि घोषणा मशीन आई। वहीं केंद्र की सत्ता संभालने से पहले नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने का वादा किया था, मगर दुनिया में दाम कम होने के बाद भी देश में दाम बढ़ रहे हैं।"

राहुल ने वादा किया, "कांग्रेस की सरकार आते ही युवाओं को रोजगार देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।" इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी सहित अन्य नेता मौजूद रहे।

आईएएनएस
रीवा


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