Delhi Lok Sabha Election 2024: लोस चुनाव नतीजे के बाद प्रदेश भाजपा में खुलेगी बंपर ‘वैकेंसी’

Last Updated 06 May 2024 08:17:05 AM IST

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक नसीब सिंह व पूर्व विधायक नीरज बसोया भाजपा के टिकट पर आगामी दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।


संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस और आप के कुछ और बड़े नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली भाजपा में शामिल होने वालों की लंबी लाइन लगने वाली है।

भाजपा को अब किसी भी पार्टी से आए, किसी भी दिग्गज नेताओं से कोई गुरेज नहीं है। उसे हर हाल में चुनाव जिताऊ दमदार नेता चाहिए ताकि पार्टी कुनबे का विस्तार हो सके। काफी अरसे से देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता से दूर भाजपा लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बना रही है।

‘आप’ से सीधे मोर्चा लेने के लिए भाजपा को रसूखदार नेताओं की जरूरत है। योग्यता यह है कि उसी नेता को भाजपा में शामिल किया जाएगा और टिकट दिया जाएगा, जिसका अपना व्यक्तिगत जनाधार हो ताकि भाजपा और संघ के मामूली सपोर्ट से वह आसानी से चुनाव जीत सके।

लवली व राजकुमार चौहान कई बार शीला सरकार में मंत्री रह चुके हैं और इनका व्यक्तिगत जनाधार भी है। दिल्ली में लवली सिख चेहरा हैं और राजकुमार चौहान दलित चेहरा हैं, इसलिए भाजपा के लिए यह पूंजी हो सकते हैं।

पूर्व विधायक नीरज बसोया और नसीब सिंह का भी अपने-अपने इलाके में जनाधार है। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली भाजपा में एक बार फिर वैकेंसी खुलेगी और कांग्रेस व ‘आप’ के कुछ बड़े नेता शामिल होंगे।

हालांकि भाजपा के तमाम नेताओं के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अपने आपको बड़े नेता मानने वाले भाजपा के ऐसे तमाम हवा-हवाई नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। इन्हें पार्टी ने कई बार मौका दिया, लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके।

कारण यह है कि जनता के बीच उनकी पकड़ नहीं है। वह अपनी सारी ऊर्जा बड़े नेताओं की परिक्रमा करने और पद व टिकट का जुगाड़ करने में लगाते रहे हैं। तकरीबन दर्जनभर नेताओं को छोड़ दें तो भाजपा में दूसरी कतार का कोई नेता ही नहीं है। ऐसे में भाजपा लोकसभा चुनाव के अलावा विधानसभा चुनाव भी मोदी के नाम पर ही लड़ने को मजबूर है।

भाजपा स्थानीय स्तर पर कोई बड़ा चेहरा डेवलप करने में विफल रही है। फिलहाल भाजपा के कुशल रणनीतिकार यह मान रहे हैं कि वह तोड़फोड़ तो नहीं करेंगे, लेकिन दूसरे पार्टी से आने वाले दमदार नेताओं के लिए उनके दरवाजे खुले रहेंगे ताकि दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी को बेदखल किया जा सके।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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