CBI ने 5.69 लाख रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में 40 साल से फरार अपराधी को किया गिरफ्तार

Last Updated 26 Jun 2025 08:57:27 AM IST

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में चार दशक से फरार अपराधी सतीश कुमार आनंद को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।


CBI ने 5.69 लाख रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में 40 साल से फरार अपराधी को किया गिरफ्तार

एजेंसी ने कहा कि आनंद को 1985 में बैंक ऑफ इंडिया से 5.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वह चार दशकों तक जांचकर्ताओं को चकमा देता रहा।

सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि 70 वर्षीय आनंद को उत्तरी दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तार किया गया और देहरादून ले जाकर एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

धोखाधड़ी का यह मामला 1977 का है जिसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक ने आनंद के साथ मिलकर बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। 

बिलों के साथ प्रस्तुत जाली रसीदों के आधार पर एक निजी कंपनी को ऋण दिया गया, जिसमें माल की आपूर्ति गलत दिखाई गई जिसके कारण बैंक को नुकसान हुआ और आनंद को 5.69 लाख रुपये का वित्तीय लाभ हुआ।

सीबीआई ने पांच मई 1978 को बैंक के शाखा प्रबंधक, आनंद और एक अन्य आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

देहरादून में विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) की अदालत ने 19 जून 1985 को अपने फैसले में बैंक शाखा प्रबंधक को आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन आनंद और कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

हालांकि, सजा सुनाए जाने के बाद आनंद फरार हो गया, जिसके बाद अदालत ने 30 नवंबर 2009 को उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि आनंद गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा। सीबीआई को तब सफलता मिली जब उसे आनंद के बेटे के नाम पर पंजीकृत एक मोबाइल नंबर मिला। 

भाषा
नई दिल्ली


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