PM Modi अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के बाद कन्याकुमारी में 48 घंटे साधना रहेंगे में

Last Updated 29 May 2024 08:06:03 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अंतिम चरण का प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी (Kanyakumari) में जाकर ध्यान लगाएंगे। वहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल और श्रीपद मंडपम है।


प्रचार के बाद कन्याकुमारी में 48 घंटे साधना में रहेंगे PM Modi

माना जाता है कि इसमें देवी कन्याकुमारी के पैरों के निशान हैं। प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के अंत में आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए जाने जाते हैं।  2019 में प्रचार थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान लगाने के लिए केदारनाथ गए थे।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को पंजाब के होशियारपुर में सभा को संबोधित करने के बाद कन्याकुमारी जाएंगे। कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री  रॉक मेमोरियल का दौरा करेंगे और 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में उसी स्थान पर दिन-रात ध्यान करेंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था।कन्याकुमारी वह स्थान है जहाँ स्वामी विवेकानन्द को भारत माता के दशर्न हुए थे। इस शिला का स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। लोगों का मानना  है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानन्द के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती है।

देश भर में घूमने के बाद वे यहीं पहुंचे और तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा।उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दशर्ता है।देवी पार्वती भी उसी स्थान पर एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा करती रहीं। यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा, यह वह स्थान है जहाँ भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएँ मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं।यह तमिलनाडु के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम को भी दशर्ता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं।

स्वामी विवेकानंद ने यहां ध्यान किया

कहा जाता है कि 1893 में वि धर्म सभा में शामिल होने से पहले विवेकानंद तमिलनाडु के कन्याकुमारी गए थे। यहां समुद्र में 500 मीटर दूर पानी के बीच में उन्हें एक विशाल शिला दिखी, जहां तक वो तैरकर पहुंचे और ध्यानमग्न हो गए। विवेकानंद रॉक मेमोरियल (ध्यान मंडपम) बेहद खास जगह है।

पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी पहुंचे थे। अपने भारत दर्शन में उन्होंने आम लोगों की तकलीफ, दर्द, गरीबी, आत्म सम्मान और शिक्षा की कमी को नजदीक से देखा था। वे 24 दिसम्बर 1892 को कन्याकुमारी पहुंचे थे। 25 से 27 दिसम्बर तक यानी तीन दिनों तक वे इस चट्टान पर ध्यान करते रहे। उनके ध्यान का केंद्र भारत का भूत, वर्तमान और भविष्य था।

महासागरों के मिलन बिंदू पर ध्यान

उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वह जगह है, जहां पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। यह स्थान भारत का सबसे दक्षिणी छोर है।

अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक साथ एक ही क्षितिज पर आमने-सामने दिखाई देते हैं। इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा गुफा मंदिरों के समान है, जबकि इसका मण्डपम बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मंदिर के समान है।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment