Indian looking jobs in Israel: कांग्रेस ने इजराइल में नौकरी तलाश रहे लोगों को लेकर सरकार को घेरा
Indian looking jobs in Israel: कांग्रेस ने इजराइल में नौकरियों के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोगों के कथित तौर पर कतार में लगने को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह देश में ''बेरोजगारी की गंभीर स्थिति'' का प्रतिबिंब है और यह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के दावों का ''मखौल'' है।
![]() कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे |
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में सवाल किया, "हजारों भारतीय युद्ध के दौरान अपनी जान जोखिम में डालने के लिए तैयार होकर इजराइल में नौकरियों की तलाश क्यों कर रहे हैं।''
उन्होंने दावा किया,"मोदी सरकार के पिछले पांच वर्षों में वास्तविक ग्रामीण मजदूरी की वृद्धि दर कृषि (-0.6 प्रतिशत) और गैर-कृषि (-1.4 प्रतिशत) दोनों के लिए नकारात्मक हो गई है, जिसका अर्थ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक संकट है।''
उन्होंने कहा कि 2022-23 में ग्रामीण भारत में पुरुषों के लिए दैनिक मजदूरी 212 रुपये थी जो 2014 में दिए जा रहे 220 रुपये से कम है जबकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम की मांग हर दिन के साथ बढ़ रही है।
Thousands of Indians made a beeline seeking JOBS in Israel, willing to risk their lives during a war. Why?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 27, 2024
1⃣In past 5 years, under Modi Govt, growth rate of real rural wages has become negative for both agriculture (-0.6%) and non-agriculture (-1.4%), which means there is… pic.twitter.com/VasBDFXWRF
खरगे ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने बजट 2023-24 में उसकी निधि में कटौती की थी लेकिन उच्च ग्रामीण बेरोजगारी के कारण उसे 28,000 करोड़ रुपये अधिक आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हजारों युवा कतार में हैं, खासतौर पर युद्धग्रस्त इजराइल में फलिस्तीनी श्रमिकों के स्थान पर नौकरियों लेने के लिए।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में बेरोजगारी से त्रस्त हज़ारों युवा युद्धग्रस्त इज़राइल में फ़िलीस्तीनी श्रमिकों के स्थान पर रोज़गार पाने के लिए लाइनों में लगे हुए हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 27, 2024
अगर हम उन नैतिक और राजनैतिक मुद्दों को किनारे रखते हुए भी सोचें, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के…
रमेश ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "क्या यह हमारे अपने देश में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति को नहीं दर्शाता है और क्या यह तेजी से बढ़ती रोजगार पैदा करने वाली अर्थव्यवस्था के दावों का मजाक नहीं उड़ाता है?"
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