Republic Day Parade: PM मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

Last Updated 26 Jan 2024 10:57:38 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय समर स्मारक जाकर शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही देश में गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत हो गई।


इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।

सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ भूरे रंग की बंडी और रंग बिरंगा बांधनी साफा पहने प्रधानमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद वहां डिजिटल आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर भी किए।

इसके बाद प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होने के लिए कर्तव्य पथ में सलामी मंच पर पहुंचे। उन्होंने विशिष्ट दीर्घा में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों और विशेष अतिथियों का अभिवादन किया। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत भी किया।

इसके कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस साल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि व उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ पारंपरिक बग्गी से वहां पहुंचें। दोनों के वहां पहुंचते ही दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू और मैक्रों ने भी नमस्ते की मुद्रा में उनका अभिवादन स्वीकार किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी अगवानी की। मैक्रों से वह गले भी मिले और कुछ देर दोनों को बात करते हुए देखा गया। इसके बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और फिर 21 तोपों की सलामी दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। यह स्मारक स्वतंत्रता के बाद से हमारे वीर सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान का प्रमाण है।

साल 2022 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमर सपूतों के शौर्य व वीरता का गुणगान करने वाले इस स्मारक पर पहली बार श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित किया करते थे।

राष्ट्रीय समर स्मारक में एक शाश्वत ज्‍योति है जो किसी सैनिक द्वारा अपना कर्तव्य निभाते हुए किए गए सर्वोच्च बलिदान का उदाहरण है और उसे अमर बनाती है।

लुटियन दिल्ली में प्रतिष्ठित इंडिया गेट का निर्माण 1931 में तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के दौरान भारत के युद्ध-आहत (घातक) को याद करने के लिए किया गया था। अपने जीवन का बलिदान देने वाले 83,000 से अधिक भारतीयों में से, इंडिया गेट में 13,516 के नाम दर्ज हैं, जो पूरे स्मारक पर अंकित है।

इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के साथ 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत और राष्ट्र के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों के लिए राष्ट्र की श्रद्धांजलि के रूप में जनवरी 1972 को इंडिया गेट की मेहराब के नीचे, उल्टी राइफल पर हेलमेट स्थापित किया गया था।

राष्ट्रीय समर स्मारक की स्थापना के बाद अमर जवान ज्योति 21 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय समर स्मारक की शाश्वत ज्योति में विलीन हो गई। विभिन्न अवसरों पर अमर जवान ज्योति पर देशी-विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की जाती है।
 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment