MGNREGA के तहत काम की मांग को कम करने की कोशिश - कांग्रेस

Last Updated 07 Oct 2023 01:22:03 PM IST

कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा पारदर्शिता के नाम पर मनरेगा में जबरन डिजिटलीकरण किया है।


कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर पारदर्शिता के नाम पर जबरन डिजिटलीकरण करने और इसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की मांग को हतोत्साहित करने के टूल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

पूर्व ट्विटर एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एक ओर अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान भारत में कुल वाहन बिक्री का 48 प्रतिशत एसयूवी का था। दूसरी ओर इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों में ही मनरेगा के तहत वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित 60,000 करोड़ रुपये का बजट खत्म हो चुका है। यह न केवल देश भर में गहराते ग्रामीण संकट और बढ़ती असमानता को स्पष्ट रूप से इंगित करता है। बल्कि मोदी सरकार की प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है जो मजदूरी भुगतान में अत्यधिक देरी करके अप्रत्यक्ष रूप से मनरेगा के काम की मांग को दबा रही है।

सरकार की आलोचना करते हुए रमेश जो राज्यसभा सदस्य भी हैं उन्होंने कहा, "मामले को बदतर बनाने के लिए मोदी सरकार ने पारदर्शिता के नाम पर डिजिटलीकरण के लिए मजबूर कर दिया है। जबकि वास्तव में इसे उन लोगों के बीच मनरेगा की मांग को हतोत्साहित करने के लिए एक टूल के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें वास्तव में कार्यक्रम की आवश्यकता है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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