Canadian High Commission ने स्थानीय कर्मियों को फौरन दफ्तर छोड़ने को कहा, फिर क्या हुआ जानिए

Last Updated 20 Sep 2023 07:35:46 AM IST

कनाडा द्वारा एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने की कार्रवाई के जवाब में भारत द्वारा मंगलवार को एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई उच्चायोग ने अपने स्थानीय कर्मचारियों को मंगलवार की दोपहर में फौरन दफ्तर छोड़ने के लिए कहा।


कनाडाई उच्चायोग ने स्थानीय कर्मियों को फौरन दफ्तर छोड़ने के लिए कहने के बाद बुधवार को तय समय पर काम शुरू होने की सूचना दी

उसके बाद बुधवार को फिर से काम शुरू होने की सूचना दी। यह जानकारी सूत्रों ने दी।

उच्चायोग ने सभी स्थानीय कर्मचारियों को एक अन्य ईमेल संचार में दूतावास ने उन्हें कल होने वाले काम के सामान्य समय के बारे में सूचित किया।

एक सूत्र ने पुष्टि की कि स्थानीय कर्मचारी, जिन्हें दोपहर 2 बजे के आसपास उनके घरों में वापस भेज दिया गया था, मंगलवार शाम को उन्‍हें एक संदेश मिला, जिसमें उन्हें कल (बुधवार) के सामान्य समय के बारे में बताया गया।

इससे पहले दिन में, सूत्र ने कहा कि उच्चायोग में स्थानीय रूप से लगे कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव के मद्देनजर तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया था।

सूत्र ने कहा कि एक ईमेल संचार में सभी कर्मचारियों को उच्चायोग के अधिकारियों ने किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई उच्चायोग के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसमें भारत सरकार ने इस समय देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, "यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।"

यह निर्णय तब आया, जब कनाडा ने पहले एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर की गई हत्‍या में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद हुआ।

ट्रूडो ने कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध के आरोपों का सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान पर गौर किया है और हम उसे खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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