क्या हुआ जब राहुल गांधी, सुरक्षा घेरा तोड़कर सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति से मिलने पहुंचे ?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को संसद पहुंचे। उनके संसद पहुंचने की चर्चा उतनी नहीं हुई जितनी उनके एक आचरण को लेकर हुई।
![]() Rahul gandhi on road to see injured people |
आम तौर पर दिल्ली की सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट के जज ,हाई कोर्ट के जज ,मंत्री और सांसदों की गाड़ियां चलती हुई अक्सर दिख जाती हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री का काफिला भी दिल्ली की सड़कों पर दीखता रहता है। दिल्ली की सड़कों पर कभी-कभी सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। कई बार ऐसा होता है कि कुछ विशेष लोगों की आँखों के सामने सड़क दुर्घटना हो जाती है, लेकिन उन दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को देखने के लिए कोई वीवीआईपी या वीआईपी अपनी गाडी रोक देता है ,ऐसा कम ही देखने को मिलता है। मुद्दत बाद दिल्ली की एक सड़क पर एक वीवीआईपी को देश भर के लोगों ने ना सिर्फ अपनी गाड़ी से उतरते देखा बल्कि सड़क पर घायल पड़े एक व्यक्ति का हालचाल पूछते हुए भी देखा। बुधवार को राहुल गांधी ने कुछ ऐसा किया जिसे देखकर शायद कुछ लोग यही कह रहे होंगे कि नेता हो तो ऐसा हो।
हुआ यूँ कि बुधवार को राहुल गांधी को संसद जाना था। इस समय राहुल गांधी अपनी माता सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ रोड स्थित आवास पर रह रहे हैं। क्योंकि सांसदी जाने के बाद उनका आवास उनसे छिन गया था। बुधवार को संसद जाने के लिए राहुल गांधी 10 जनपथ से निकल कर थोड़ी ही दूर गए होंगे, तो उन्होंने देखा कि सड़क पर एक स्कूटर सवार व्यक्ति गिरा हुआ है। शायद किसी वाहन ने उसके स्कूटर को टक्कर मार दिया होगा। राहुल की नजर जैसे ही उस पर पड़ी, उन्होंने बिना किसी सुरक्षा की चिंता किए हुए वो उस व्यक्ति के पास पहुँच गए।
उन्होंने उसका हाल चाल पूछा। उन्हें जब इस बात का एहसास हो गया कि वह ठीक है, तब वो फिर अपनी गाडी की तरफ बढे और संसद भवन की तरफ चल पड़े। ऐसा नहीं कि राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं, जिन्होंने वीवीआईपी होने के बावजूद इंसानियत का परिचय दिया है। संभव है कि दिल्ली में रहने वाले सैकड़ों अति विशिष्ट लोगों का ऐसा आचरण हो ,सैकड़ों अति विशिष्ट लोगों का ऐसा ही व्यवहार हो, लेकिन आज तक ऐसा देखने को कम ही मिला है।
राहुल गांधी ने अपनी गाडी रुकवाकर शायद गलती की हो ,शायद उन्होंने अपनी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी किया हो क्योंकि ऐसा करने से आम तौर पर ऐसे अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों की दिक्कतें बढ़ जाती है। लिहाजा अतिविशिष्ट लोग सुरक्षा की दृष्टिकोण से ऐसा करने से परहेज करते हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को जो किया, संभव है उस पर चर्चा भी हो। कुछ लोग उनके इस आचरण की आलोचना भी करेंगे। कुछ लोग शायद यह भी कहेंगे कि उन्होंने इंसानियत दिखाने का नाटक किया था। आमतौर पर राजनेता कुछ भी करते हैं तो इस तरह की प्रतिक्रियाएं आती भी हैं, लेकिन राहुल गांधी ने बुधवार जो कुछ भी किया,नाटक ही सही लोगों को जरूर भाया होगा।
| Tweet![]() |