जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एसवी भट्टी बने सुप्रीम कोर्ट के नए न्यायाधीश, CJI चंद्रचूड़ ने दिलाई शपथ

Last Updated 14 Jul 2023 10:47:11 AM IST

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई।


इसके साथ ही शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश सहित कुल न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 32 हो गई। उच्चतम न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीश नियुक्त किए जा सकते हैं।

शीर्ष अदालत के सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने दो नये न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।

बुधवार को केंद्र ने इनके नामों को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को नियुक्त किया है। कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होंगे।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के नामों की अनुशंसा करने के एक हफ्ते के भीतर केंद्र ने मंजूरी दे दी।

दो जजों के शपथ ग्रहण के साथ शीर्ष अदालत में जजों की कुल संख्या अब सीजेआई सहित 32 हो गई है।

न्यायमूर्ति भुइयां को 2011 में गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। वह अपने उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और शीर्ष अदालत में पदोन्नति से पहले, वह 28 जून 2022 से तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।

न्यायमूर्ति भुइयां टैक्स कानून में विशेषज्ञता रखते हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट में सेवा के दौरान उन्होंने टैक्स कानून सहित कई तरह के मामलों को निपटाया है।

सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले जस्टिस एस वेंकटनारायण भट्टी केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उन्हें 2013 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और वह अपने मूल उच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ हैं।

न्यायमूर्ति भट्टी के पास कानून की विभिन्न शाखाओं का अनुभव है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश करते हुए कहा, "न्यायमूर्ति भट्टी की नियुक्ति उनके अर्जित ज्ञान और अनुभव के संदर्भ में मूल्यवर्धन प्रदान करेगी। उनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और उनमें ईमानदारी और क्षमता है।"

भाषा/आइएनएस
नई दिल्ली


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