Manipur Violence: कांग्रेस का आरोप- जानबूझकर मणिपुर की अनदेखी कर पीएम का कर्तव्य निभाने में विफल रहे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान विद्वानों, लेखकों और निवेशकों के साथ बैठक कर रहे हैं।
![]() कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (फाइल फोटो) |
इस पर कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि संकट के समय में जानबूझकर मणिपुर की अनदेखी कर वह प्रधानमंत्री का अपना कर्तव्य निभाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे की तमाम खबरों के बीच आइए हम खुद को याद दिलाएं कि आज मणिपुर में दर्द, संकट और पीड़ा का लगातार 50वां दिन है। दु:ख की बात है कि अनेकों मुद्दों पर ज्ञान देने वाले प्रधानमंत्री ने राज्य की इतनी बड़ी त्रासदी पर एक शब्द भी नहीं बोला है। उन्होंने मिलने के लिए समय मांगने वाले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय नहीं दिया। न ही इस बात को लेकर कोई संकेत दिया कि वह इस मामले में क्या कर रहे हैं या उन्हें कोई चिंता या परवाह है भी कि नहीं।
रमेश ने कहा, संकट के समय मणिपुर को जानबूझकर नजरअंदाज करने का विकल्प चुनकर वह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्य को निभाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। मणिपुर को लेकर उनका व्यवहार सबसे चौंकाने वाला और समझ से परे है।
Let us remind ourselves amidst all the news of the Prime Minister’s visit to the USA that today is the 50th consecutive day of Manipur's pain, distress and agony.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 21, 2023
The Prime Minister who gives gyaan on so many issues has sadly not said a word on the tragedy that has engulfed the…
उनकी टिप्पणी पीएम मोदी के मंगलवार को अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने के एक दिन बाद आई है। मोदी ने अमेरिका की अपनी यात्रा के पहले दिन न्यूयॉर्क में विद्वानों, लेखकों और निवेशकों के एक वर्ग से मुलाकात की।
कांग्रेस के नेतृत्व में हिंसा प्रभावित मणिपुर के 10 विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पर पूर्वोत्तर राज्य के लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के लोग आहत और निराश हैं।
कांग्रेस मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी की आलोचना करती रही है। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को 'अपनी छवि सुधारने के लिए प्रचार' करने की बजाय 'राजधर्म' का पालन करने की सलाह दी थी।
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