S Jaishankar ने अंग्रेजी को SCO की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने के लिए समर्थन मांगा

Last Updated 05 May 2023 04:06:15 PM IST

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अंग्रेजी को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने के लिए सदस्यों का समर्थन मांगा। वर्तमान में रूसी और मंदारिन आधिकारिक और कामकाजी भाषाओं के रूप में उपयोग की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रचनात्मक कदमों की जरूरत है।


एससीओ के सदस्यों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने एससीओ पर्यवेक्षकों और संवाद भागीदारों को 14 से अधिक सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करके उनके साथ एक अभूतपूर्व जुड़ाव शुरू किया है।

सूत्रों के मुताबिक, एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के जुलाई में समूह के शिखर सम्मेलन में विचार के लिए 15 फैसलों या प्रस्तावों के एक सेट को अंतिम रूप देने की संभावना है।

प्रस्तावों का उद्देश्य व्यापार, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों के क्षेत्रों में एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग का विस्तार करना है।

डॉ. एस जयशंकर ने स्टार्टअप और नवाचार और ट्रेडिशनल मेडिसिन पर दो नए कार्य समूहों के निर्माण के भारत के प्रस्ताव के लिए सदस्य देशों के समर्थन की सराहना की है।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को गोवा में शुरू हुई थी। इसमें एस. जयशंकर ने भी अपने समकक्षों के साथ बैठक की।

जयशंकर ने एससीओ महासचिव झांग मिंग से भी मुलाकात की और भारत की एससीओ अध्यक्षता के लिए उनके समर्थन की सराहना की और कहा कि यह एससीओ को सुरक्षित करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है।

उन्होंने स्टार्टअप्स, ट्रेडिशनल मेडिसिन, युवा सशक्तिकरण, बौद्ध विरासत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित प्रमुख फोकस क्षेत्रों को निर्धारित किया।

शंघाई में 15 जून 2001 को स्थापित एससीओ में मूल रूप से रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे। बाद में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने।

आईएएनएस
पणजी


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