महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ‘महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक’ का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सक्रिय छह संगठनों पर पहले ही कुछ अन्य राज्यों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।

|
शहरी नक्सलवाद और ‘‘पैसिव मिलिटेंसी’’ पर केंद्रित वामपंथी उग्रवादी संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया यह विधेयक विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया है। इसके जल्द ही विधान परिषद में पेश किए जाने की उम्मीद है।
‘पैसिव मिलिटेंसी’, संघर्ष का एक तरीका है जिसमें लोग बिना हिंसा का सहारा लिए, सरकार या किसी अधिकार के खिलाफ अपनी असहमति व्यक्त करते हैं।
फडणवीस ने यहां विधान भवन में पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक 2024 को बृहस्पतिवार को विधानसभा द्वारा मंजूरी दे दी गयी, जिसे पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया गया था।’’
यह पूछे जाने पर कि विधेयक के कानून बन जाने से कितने संगठन प्रभावित होंगे, इस पर फडणवीस ने कहा, ‘‘राज्य में 64 संगठन सक्रिय हैं, जिनमें से छह पहले से ही इसी तरह के कानूनों के तहत अन्य राज्यों में प्रतिबंधित हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है जो खुद को संवैधानिक और लोकतांत्रिक दर्शाते हुए भी भारतीय संविधान को अस्वीकार करने की कोशिश करते हैं।
फडणवीस ने दोहराया कि इस विधेयक से लोगों या समूहों के विरोध करने के अधिकारों पर असर नहीं पड़ेगा।
| | |
 |