पारिवारिक अदालतों को संदर्भित किए बिना तलाक के मुद्दे पर आज फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 01 May 2023 09:58:20 AM IST

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) सोमवार को उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुना सकता है, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उपलब्ध अपने व्यापक अधिकार का इस्तेमाल करके शीर्ष अदालत पारिवारिक अदालतों को संदर्भित किए बिना किसी दंपती को सहमति के आधार पर तलाक का आदेश दे सकती है या नहीं?


उच्चतम न्यायालय

न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस कानूनी पहलू पर भी अपना फैसला देगी कि क्या प्रावधान के तहत शीर्ष अदालत की व्यापक शक्तियों को उन परिदृश्यों में बाधित किया जा सकता है, जहां शादी लगभग टूट गई होती है, लेकिन एक पक्ष तलाक देना नहीं चाहता।

संविधान का अनुच्छेद 142 किसी भी लंबित मामले में ‘पूर्ण न्याय’ करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के लागू करने से संबंधित है।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट के अनुसार संविधान पीठ सोमवार को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी।

संविधान पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एएस ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी भी शामिल हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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