..तो सांसदों को हराने के लिए प्रचार करेंगे किसान

Last Updated 01 May 2023 09:20:44 AM IST

संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) सभी दलों के सांसदों को मई महीने में चेतावनी देगा कि अगर उन्होंने किसानों के मुद्दे अपनी पार्टी की घोषणा पत्र में शामिल नहीं कराए तो वह उनके खिलाफ प्रचार करेगा।


भारतीय किसान (फाइल फोटो)

इस बार किसान नेता सांसदों के पास मांग पत्र नहीं चेतावनी पत्र लेकर जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा इसके लिए 26 से 31 मई तक देशव्यापी अभियान चलाएगा।

रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिसम्बर तक चलने वाले कई कार्यक्रम बनाए गए। कार्यक्रमों का मकसद सरकार और भाजपा के खिलाफ माहौल बनाना है। बैठक में तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए। पहला प्रस्ताव जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में पारित किया गया।

इसमें कहा गया है कि पहलवानों के समर्थन में सभी राज्यों में प्रदर्शन किए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रविवार को जंतर-मंतर पर जाकर एक बार फिर धरने पर बैठे पहलवानों से मिले। दूसरा प्रस्ताव पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पक्ष में पारित किया गया।

इस प्रस्ताव में कहा गया है अगर सरकार और जांच एजेंसियों ने मलिक को परेशान करने की कोशिश की तो किसान सड़कों पर भी उतर सकते हैं। मलिक ने राज्यपाल रहते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीसरा प्रस्ताव पोस्टल यूनियनों की मान्यता रद्द करने के खिलाफ पारित किया है।

किसान आंदोलन को 15 हजार रु पए का चंदा देने की वजह से दो पोस्टल यूनियनों की मान्यता रद्द कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह इन यूनियन की हर तरह से मदद करेगा।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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