Mann ki Baat: 'मन की बात' के 100वें एपीसोड पर PM मोदी बोले- जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया

Last Updated 30 Apr 2023 11:59:54 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को भारतीयों की भावनाओं का प्रकटीकरण करार दिया और कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़ने वाला हर विषय जनआंदोलन बन गया।


अपने मासिक रेडियो प्रसारण के 100वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा, दोस्तों, 3 अक्टूबर, 2014 (जिस दिन पहला एपिसोड प्रसारित हुआ था) विजयादशमी का त्योहार था और हम सबने मिलकर उस दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी।

पीएम मोदी ने कहा, आज 'मन की बात' का सौवां एपिसोड है। आप सभी के हजारों पत्र मिले, लाखों संदेश मिले और मैंने पढ़ने की कोशिश की है, संदेशों को समझने की कोशिश की है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि चाहे शिक्षा की बात हो या संस्कृति की, चाहे उसके संरक्षण की बात हो या उसके प्रचार-प्रसार की, यह भारत की प्राचीन परंपरा रही है।

देश आज इस दिशा में जो काम कर रहा है वह वाकई काबिले तारीफ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प, चाहे शिक्षा में तकनीकी एकीकरण, ऐसे कई प्रयास आपने देखे होंगे। वर्षों पहले शुरू किए गए कार्यक्रम 'गुणोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव' गुजरात में बेहतर शिक्षा प्रदान करने और स्कूल छोड़ने वालों की दर को कम करने के लिए जनभागीदारी का एक अद्भुत उदाहरण बन गया था।

मोदी ने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने कई ऐसे लोगों के प्रयासों को उजागर करने का प्रयास किया है, जो नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में 'मन की बात' एक माला में धागे की तरह है। उन्होंने कहा कि हर कड़ी में देशवासियों की सेवा भावना और क्षमता ने दूसरों को प्रेरित किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, इस कार्यक्रम में हर देशवासी दूसरे देशवासियों के लिए प्रेरणा बनता है। एक तरह से मन की बात का हर एपिसोड अगले एपिसोड की जमीन तैयार करता है। 'मन की बात' हमेशा सद्भावना, सेवा-भावना से आगे बढ़ी है।

उन्होंने बड़े धैर्य के साथ कार्यक्रम रिकॉर्ड करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की टीमों को भी धन्यवाद दिया।

देश के अलग-अलग हिस्सों में कई केंद्रीय मंत्रियों ने कार्यक्रम को लाइव सुना।

देश भर के राजभवनों में राज्यपालों और उपराज्यपालों ने भी कार्यक्रम को लाइव सुना।

भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कार्यक्रम को सुना।

 

जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया- प्रधानमंत्री मोदी

‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण उनके पास जनता से कट जाने की चुनौती थी, लेकिन ‘मन की बात’ ने इसका समाधान दिया और सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के ‘मन की बात’ है। यह उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। ‘मन की बात’ देशवासियों की अच्छाइयों और उनकी सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है।’’ मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा पर्व है, जो हर महीने आता है और जिसका सभी इंतजार करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की भागीदारी का जश्न मनाते हैं। ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया और लोगों ने इसे जनआंदोलन बना दिया।’’

इस क्रम में प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, स्वच्छ भारत अभियान, खादी को लोकप्रिय बनाने और प्रकृति से जुड़े कार्यक्रमों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह रहा है।

मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वहां आम जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने, तो वह जीवन अलग था, क्योंकि काम का स्वरूप अलग था, दायित्व अलग थे और साथ ही परिस्थितियों का बंधन व सुरक्षा का तामझाम भी था।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में मैं खाली-खाली सा महसूस करता था। 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क भी मुश्किल हो जाएगा। जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कटकर जी नहीं सकता था। ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया। आम लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया। इस कार्यक्रम ने मुझे कभी भी आपसे दूर नहीं होने दिया।’’

मोदी ने कहा, “मन की बात ने मुझे लोगों से जुड़ने का जरिया मुहैया कराया। यह मेरे लिए महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है।”

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके माध्यम से वह हर महीने के आखिरी रविवार को विभिन्न मुद्दों पर लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हैं।

‘मन की बात’ के लिए श्रोताओं से राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर सुझाव और विचार भी आमंत्रित किए जाते हैं। कार्यक्रम की 100वीं कड़ी से पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम उनके लिए ‘एक विशेष यात्रा’ रहा है।
 

आईएननस/भाषा
नई दिल्ली


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