मुस्लिमों के लिए आरक्षण खत्म : सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद Karnataka BJP उत्साहित

Last Updated 16 Apr 2023 08:21:16 AM IST

मुस्लिमों के लिए चार फीसदी आरक्षण कोटा खत्म (4 percent reservation quota for Muslims abolished) करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद विपक्षी पार्टियां भले ही जश्न मना रही हैं और उसकी आलोचना कर रही हैं, लेकिन सत्तारूढ़ BJP इस घटनाक्रम को लेकर उत्साहित है।


Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि मुसलमानों के लिए ओबीसी श्रेणी (OBC Category) के तहत चार प्रतिशत आरक्षण वापस लेने का सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का फैसला 'भ्रामक धारणाओं पर आधारित' और 'अस्थिर नींव पर' प्रतीत होता है।

प्रभावशाली लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के लिए आरक्षण कोटा दो-दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (EWS) के लिए प्रदान किए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के तहत मुस्लिम समुदाय को लाया गया है।

सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल की समाप्ति से ठीक पहले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समूहों के लिए आंतरिक आरक्षण के साथ नए आरक्षण की घोषणा की है। विपक्षी दलों ने आरक्षण ढांचे में संशोधन पर जल्दबाजी में लिए गए फैसले के लिए भाजपा की आलोचना की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने खुली चुनौती दी है कि यह अब कुछ दिनों की बात है और जब चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो आरक्षण में संशोधन को वापस ले लिया जाएगा।

विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा पार्टी ने लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों को मुसलमानों का आरक्षण देकर उनका अपमान किया है।

शिवकुमार ने सवाल किया था कि क्या लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय ने अपना कोटा बढ़ाने के लिए मुसलमानों का आरक्षण वापस लेने को कहा था?

उन्होंने आरोप लगाया कि समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की नीति के तहत ऐसा किया जा रहा है।

राज्य भाजपा इकाई के सूत्रों ने कहा कि मुसलमानों के लिए आरक्षण वापस लेने के फैसले के साथ हिंदुओं को संदेश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि BJP पर हमले केवल पार्टी के लिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण (polarization of Hindu votes) करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा (Former Chief Minister B.S. Yeddyurappa) ने पहले कहा था कि चार प्रतिशत आरक्षण को स्थानांतरित करने से मुस्लिम समुदाय (muslim community) को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस कोटा (EWS Quota) के तहत लाया गया है। कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।

येदियुरप्पा (Yeddyurappa) ने यह भी कहा कि चूंकि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संभव नहीं (reservation on the basis of religion) है, उन्हें (मुसलमानों को) EWS Quota) ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत लाया गया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीब और किसान समर्थक योजनाओं को लागू कर रही है। कि अगर कोई मतभेद है तो वे (मुसलमान) मान जाएंगे।

कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने पिछली कैबिनेट बैठक के बाद नए आरक्षण कोटे की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने लिंगायत को सात प्रतिशत, वोक्कालिगा को छह प्रतिशत, अनुसूचित जाति (वाम) को छह प्रतिशत, अनुसूचित जाति (दाएं) को 5.5 प्रतिशत, भोवी, बंजारा और अन्य को एक प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी।

बोम्मई ने अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया था कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के पास सात राज्यों में आरक्षण कोटा नहीं है। ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत मुस्लिमों को आरक्षण देने का फैसला लिया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग पिछले 30 वर्षो से लंबित थी, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, बल्कि झूठे वादे किए। उन्होंने सोचा था कि भाजपा के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा।

हमने एक रिपोर्ट प्राप्त करके अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, अध्ययन किया, एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया और कानून के अनुसार एक साहसिक निर्णय लिया।

आईएएनएस
बेंगलुरु


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