पूर्व जज के साक्षात्कार के बहाने रिजीजू का सुप्रीम कोर्ट पर हमला

Last Updated 23 Jan 2023 06:45:39 AM IST

कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने रविवार को उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के विचारों का समर्थन करने की कोशिश की, जिन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान का ‘अपहरण’ किया है।


कानून मंत्री किरेन रिजीजू

हालिया समय में उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ा है। रिजीजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस सोढी (सेवानिवृत्त) के एक साक्षात्कार का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह ‘एक न्यायाधीश की आवाज’ है और अधिकांश लोगों के इसी तरह के समझदारीपूर्ण ‘विचार’ हैं।

न्यायमूर्ति सोढी ने कहा कि कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है। कानून मंत्री ने यह भी कहा, ‘वास्तव में अधिकांश लोगों के इसी तरह के समझदारीपूर्ण विचार हैं। केवल कुछ लोग हैं, जो संविधान के प्रावधानों और जनादेश की अवहेलना करते हैं और उन्हें लगता है कि वे भारत के संविधान से ऊपर हैं।’

मंत्री ने ट्वीट किया, ‘भारतीय लोकतंत्र की असली खूबसूरती इसकी सफलता है। लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से खुद पर शासन करते हैं। चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून बनाते हैं। हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है और हमारा संविधान सर्वोच्च है।’

साक्षात्कार में न्यायमूर्ति सोढी ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत कानून नहीं बना सकती, क्योंकि उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून बनाने का अधिकार संसद का है। न्यायमूर्ति सोढी ने कहा, ‘क्या आप संविधान में संशोधन कर सकते हैं? केवल संसद ही संविधान में संशोधन करेगी। लेकिन यहां मुझे लगता है कि उच्चतम न्यायालय ने पहली बार संविधान का अपहरण कर लिया। अपहरण करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जजों की नियुक्ति खुद करेंगे और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।

भाषा
नई दिल्ली


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