भुखमरी के कगार पर पाकिस्तान नहीं आ रहा बाज, जम्मू के पास एयरपोर्ट बनवा रही ISI
पाकिस्तान भूखमरी के कगार पर है लेकिन आईएसआई घिनौनी चाल से बाज नहीं आ रहा।
![]() जम्मू के पास एयरपोर्ट बनवा रही ISI (प्रतिकात्मक चित्र) |
हुक्मरान भीख मांग रहा है लेकिन आईएसआई आतंकियों को खुश करने के लिए लश्कर ए तैयबा के हेड क्वाटर के पास एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में धन पानी की तरह बहा रही है। यह माधवमुरिदके कस्बे से 15 किमी की दूरी पर है जो पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर के पास है। सबसे अहम बात यह है कि मुरिदके पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। पाकिस्तान का यह एयरपोर्ट भारत के श्रीनगर से मात्र 250 किमी की दूरी पर है।
मुरिदके एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के हवाई ठिकानों पठानकोट और अवंतीपोरा के बहुत करीब है। पाकिस्तानी वायुसेना इस एयरपोर्ट पर किन विमानों को तैनात करेगी, यह देखना काफी अहम होगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह हवाई ठिकाना लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय की रक्षा के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी शिविर पर हवाई हमला किया था और उसे तबाह कर दिया था। उस समय भारतीय अभियान पंजाब प्रांत की ओर से शुरू हुआ था और पाकिस्तानी वायुसेना को अपने फाइटर जेट भेजने पड़े थे।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की ओर इस हवाई ठिकाने का बिना रु के निर्माण स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स को इस इलाके में अपनी कुछ कमजोरी नजर आती है। यही वजह है कि वह अपने हवाई रक्षा कवच को बढ़ाना चाहती है। बता दें कि हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा अभी भी पाकिस्तान के लिए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का प्रमुख स्रेत है। वहीं जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन छोटे और कम शक्तिशाली आतंकी संगठन है। लश्कर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन यह आतंकी संगठन भारत के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए एकबड़ा हथियार है।
मुरीदके पाकिस्तान में आतंकियों की पनाहगाह है। खासकर आतंकियों के संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ का मुख्यालय भी मुरिदके में ही है। मुरीदके में बन रहे इस एयरपोर्ट में 2 रनवे और टैक्सीवे बनाये जा रहे हैं। इस एयरपोर्ट की दूरी एलओसी से 100 किलोमीटर है और जम्मू से 125 किलोमीटर दूर है। पाकिस्तान को सता रहा यह डर पूरी दुनिया जानती है कि पकिस्तान में कई आतंकी ट्रेनिंग सेंटर हैं जहां से निकले आतंकी पड़ोसी देश समेत विभर में दहशतगर्दी फैलाने का काम करते हैं।
पाकिस्तानी सेना को यह भी डर सता रहा है कि कहीं भारत, लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर पर हमला न कर दे और उसी के चलते इस तैयारी को देखा जा रहा है। बताया गया है कि यह एयरपोर्ट मार्च 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा और इस समय वहां पर दिन-रात काम चल रहा है। ऐसे मेंअब सवाल ये उठ रहा की आखिर पकिस्तान लश्कर हेडक्वार्टर के पास एयरपोर्ट क्यों बना रहा है? इसके पीछे उसकी क्या मंशा है?
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