टारगेट किलिंग का लक्ष्य पूरा करेगा OGW, आतंकी हमले और टारगेट किलिंग के लिए आतंकियों ने भूमिका बदली

Last Updated 05 Jan 2023 07:47:00 AM IST

जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और गैर-मुस्लिमों पर हाल में हुए हमलों के पीछे आईएसआई का सुनियोजित षडयंत्र है।


टारगेट किलिंग का लक्ष्य पूरा करेगा OGW

माना जा रहा है कि एक बड़ी साजिश जम्मू और कश्मीर में बड़े पैमाने पर अस्थिरता फैलाने के लिए रची गई है। इसके तहत ही पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने करीब 150 से ज्यादा लोगों को लक्ष्य बनाकर हत्या करने की तैयारी की थी। सेना और सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे जबरदस्त ऑपरेशन के बावजूद पाकिस्तान की ओर से आतंकी गुटों को लगातार शह मिल रही है। घुसपैठ के जरिये नए आतंकी भेजने का प्रयास भी जारी है।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में कई आतंकी संगठनों के आकाओं से मुलाकात की है। सुरक्षा एजेंसियों ने इसे ध्यान में रखकर जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई ने आतंकी संगठनों को जम्मू और कश्मीर में हमले तेज करने को कहा है, खास तौर पर कश्मीरी पंडितों और गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाने को कहा गया है। आईएसआई ने बड़ी संख्या में आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में लॉन्च करने की साजिश भी रची और कुछ हद तक सफल हो गई जिसका परिणाम राजौरी की घटना है। आईएसआई ने टारगेट किलिंग बढ़ाने को कहा है।

इस बीच आईएसआई ने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए आतंकी हमले और टारगेट किलिंग के लिए आतंकियों ने भूमिका इस बार बदल दी है। खुफिया सूत्रों के अनुसार आईएसआई की नई रणनीति के तहत जो ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) हमलों में आतंकियों की साजो-सामान और सूचना आदि पहुंचाने में मदद करते थे, अब उनको ही हमलों और हत्या को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि आतंकी अब मददगार की भूमिका में पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं।

छोटे हथियारों से लक्षित हत्या का मकसद आतंकी गुटों और पाकिस्तान को जिम्मेदारी से बचाना है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने गुमराह करने वाली तस्वीर पेश की जा सके। यानी जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की स्वदेशी अदृश्य आतंकी संगठन जैसे नए प्रयोग प्रारंभ हो गए हैं। गोली चलाने से पहले दहशतगर्द यह पता लगाते हैं कि सामने हिंदू है या मुसलमान है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने अपने पुराने आतंकी संगठनों को पर्दे के पीछे छिपाने और खुद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्रवाई से बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर में कई छोटे आतंकी संगठन खड़े किए थे। इनमें सबसेअहम संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) है।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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