भारत, सिंगापुर इस सप्ताह करीब 10 समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने की तैयारी में

Last Updated 12 Aug 2025 09:58:58 AM IST

भारत और सिंगापुर इस सप्ताह होने वाली अपने शीर्ष मंत्रियों की बैठक के दौरान उन्नत प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी, कौशल विकास और डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में करीब 10 समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष भारत से सिंगापुर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने के लिए समुद्र के नीचे केबल बिछाने के महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में भी हैं, जो डेटा कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी।

भारत से सिंगापुर को ग्रीन अमोनिया और ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात का भी प्रस्ताव है, जिसे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के समग्र दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।

मामले से परिचित लोगों ने बताया कि इन प्रस्तावों को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की अगले महीने संभावित भारत यात्रा से पहले अंतिम रूप देने की तैयारी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि भारत-सिंगापुर मंत्रीस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) की तीसरी बैठक 13 अगस्त को नयी दिल्ली में होगी, जिसमें वोंग की यात्रा की तैयारियां की जाएंगी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव आईएसएमआर के तहत सिंगापुर के छह मंत्रियों के साथ वार्ता करेंगे।

पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया था।

भारत और सिंगापुर के बीच होने वाली बैठक में कौशल विकास से जुड़े उन समझौतों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है, जिनका ध्यान विमानन, सेमीकंडक्टर और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर होगा।

आईएसएमआर में वाशिंगटन की शुल्क (टैरिफ) नीति के प्रभाव और उससे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा हो सकती है।

सूत्रों ने बताया कि दोनों देश सालाना लगभग 1,00,000 भारतीयों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से एक योजना पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आईएसएमआर में सिंगापुर की कंपनियों के भारत में निवेश बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी।

पहली आईएसएमआर बैठक 17 सितंबर 2022 को नयी दिल्ली में हुई थी, जिसमें सिंगापुर के चार वरिष्ठ मंत्री भारत आए थे। दूसरी बैठक 26 अगस्त 2024 को सिंगापुर में आयोजित की गई थी।

आगामी आईएसएमआर में दोनों देशों के बीच समग्र व्यापार को बढ़ावा देना भी प्रमुख एजेंडे में शामिल रहने की संभावना है।

सिंगापुर, आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन) में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रमुख स्रोत है।

भाषा
नई दिल्ली


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