भारत, पाक ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया, 32 साल से जारी है परंपरा
भारत और पाकिस्तान ने 32 साल की परंपरा जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय करार के तहत रविवार को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया।
![]() भारत, पाक ने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया |
इस समझौते के तहत दोनों पक्षों के एक-दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमला करने पर प्रतिबंध है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों के खिलाफ हमलों पर पाबंदी के समझौते के प्रावधानों के तहत सूची का आदान-प्रदान किया गया। नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक माध्यमों से यह प्रक्रिया संपन्न हुई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान ने रविवार को नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ कूटनीतिक माध्यमों से परमाणु संस्थानों तथा केंद्रों की सूची का आदान-प्रदान किया। ये संस्थान भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों तथा केंद्रों के खिलाफ हमले पर रोक से जुड़े समझौते के दायरे में आते हैं।’
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने रविवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया जिन पर युद्ध की स्थिति बनने पर भी हमला नहीं किया जा सकता। इसने कहा, समझौते के तहत पाकिस्तान में परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची रविवार को विदेश मंत्रालय में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को आधिकारिक तौर पर सौंपी गयी।
विदेश कार्यालय के अनुसार, इसी तरह भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को इस तरह की सूची सौंपी। समझौते पर 31 दिसम्बर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह 27 जनवरी, 1991 को प्रभाव में आया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के लिए हर साल एक जनवरी को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की जानकारी देना अनिवार्य है। मंत्रालय के अनुसार, ‘यह दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का लगातार 32वीं बार आदान-प्रदान है। पहली बार ऐसा एक जनवरी, 1992 को किया गया था।’ दोनों देशों के बीच कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों पर संबंधों में तनाव के बीच सूची का आदान-प्रदान किया गया है।
भारतीय कैदियों को रिहा करे पाक
भारत ने रविवार को पाकिस्तान से उन 631 भारतीय मछुआरों और दो असैन्य कैदियों को रिहा करने तथा स्वदेश भेजने का आह्वान किया, जो अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है। विदेश मंत्रालय ने कहा, इसके अलावा, इस्लामाबाद से उन 30 मछुआरों और 22 असैन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान कराने का आग्रह किया गया है, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं।
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