कोविड रोधी टीके की चौथी खुराक की अभी जरूरत नहीं!

Last Updated 29 Dec 2022 08:10:15 AM IST

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कई देश अपने नागरिकों को कोविड रोधी टीके की तीसरी और यहां तक कि चौथी एहतियाती (बूस्टर) खुराक दे रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी चौथी खुराक की जरूरत नहीं है।


कोविड रोधी टीके की चौथी खुराक की अभी जरूरत नहीं!

उल्लेखनीय है कि कोविड के खिलाफ दोनों टीके लगवा टीकाकरण पूरा करवा चुके कई लोगों ने भी अब तक एक भी एहतियाती खुराक नहीं ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए एक ढ़ांचागत और व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है।

चीन में वृद्धि के बाद कोविड एक बार फिर रडार पर है और लोग भारत में संक्रमण की एक और लहर की आशंका को लेकर चिंतित है। ऐसे में क्या सरकार को दो टीकों की सुरक्षा में वृद्धि के लिए दूसरी एहतियाती खुराक की अनुमति देनी चाहिए, इस पर कुछ वैज्ञानिक जमीनी स्तर पर हालात परखने का आह्वान करते हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड रोधी टीके की चौथी खुराक इस समय अनुचित है, क्योंकि देश में अधिकांश लोगों को अभी तक तीसरी खुराक नहीं मिली है और वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों को दूसरी एहतियाती खुराक के तौर पर दिए जाने की उपयोगिता पर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा भारत में बड़ी संख्या में लोग वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और उन्हें टीका भी लगाया गया है, ऐसे में स्थिति काफी अलग है।

विशेषज्ञों की राय
यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि चीन की स्थिति भारत के लिए कुछ भविष्यवाणी करेगी। चीन में हालात, विशेष रूप से देश द्वारा लगभग तीन वर्षो से अपनाई जा रही शून्य-कोविड नीतियों की वजह से है। टीकाकरण के अलावा व्यापक वास्तविक संक्रमण के साथ भारतीय स्थिति काफी अलग है। गंभीर कोविड बीमारी की किसी भी बड़ी राष्ट्रव्यापी ‘लहर’ का संकेत देने के लिए अभी तक कोई सबूत नहीं है। -- सत्यजीत रथ, पुणे, आईआईएसईआर

करीब एक साल पहले ही भारत में ओमीक्रॉन लहर आई थी। अगर इस संक्रमण की वजह से पर्याप्त ओमीक्रोन प्रतिरक्षा नहीं बनी, तो भारत में फिलहाल उपलब्ध कोई भी टीका और सुरक्षा प्रदान नहीं करेगा। 18 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश भारतीयों को पहली खुराक मिल चुकी है, लेकिन बहुत बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी या तीसरी खुराक नहीं मिली है। इसलिए अगर डॉक्टर अतिरिक्त बूस्टर खुराक की मांग कर रहे हैं, तो यह वास्तविकता की जांच के बिना घबराहट की प्रतिक्रिया है। -- विनीता बल, पुणे, आईआईएसईआर

भाषा
नई दिल्ली


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