जान-बूझकर दबाया गया वीरता का इतिहास : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपनी विरासत का जश्न मनाकर और औपनिवेशिक काल के दौरान साजिश के तहत लिखे गए इतिहास के पन्नों में खोए अपने गुमनाम बहादुरों को याद करके अपनी पिछली गलतियों को सुधार रहा है।
![]() प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास वीरता का रहा है, लेकिन इसे जानबूझकर दबा दिया गया जबकि जरूरत आजादी के बाद भारत को गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडे को बदलने की थी।
मोदी यहां स्थित विज्ञान भवन में पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है।
भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है, अत्याचारियों के विरूद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास वीरता की परंपरा का रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्य से हमें आजादी के बाद भी वही इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था। देश के कोने-कोने में भारत के सपूतों ने आतताइयों का मुकाबला किया लेकिन इस इतिहास को जानबूझकर दबा दिया गया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जरूरत थी कि गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडे को बदला जाता, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
| Tweet![]() |