भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ बड़ी चुनौती
भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ, तस्करी और अन्य देश विरोधी गतिविधियां देश के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।
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गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में इसको लेकर चिंता जताई गई है। हालांकि सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई मोचरें पर प्रयास कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और सीमा पार से हो रहीं अन्य गतिविधियां प्रमुख चुनौतियां बनी हुई हैं।
इनमें ड्रग्स और मवेशियों की तस्करी समेत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ प्रमुख हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसको सरकार फ्लड लाइट लगाने से लेकर बाड़ लगाने का काम तेजी से कर रही है।
भारत सरकार ने सीमा पार से अवैध घुसपैठ और गैरकानूनी एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर दो चरणों में फ्लड-लाइट के साथ बाड़ लगाने की मंजूरी दी थी।
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर फ्लड-लाइट लगाने का फैसला किया है। सरकार ने साल 2023 तक सीमा पर फ्लड-लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि बाड़ लगाने से संबंधित सभी काम मार्च 2024 तक पूरे किए जाने हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 4,096।7 किलोमीटर है, जिसमें से 3,145 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है, जबकि 951।70 किलोमीटर हिस्से पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवरोधक स्थापित करने की योजना है। सीमावर्ती इलाकों में बेहतर संपर्क और परिचालन के लिए सड़कों का निर्माण भी किया गया है।
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