आज नामीबिया से खास विमान में भारत आ रहा हैं चीता परिवार, जयपुर की जगह ग्वालियर करेंगे लैंड
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही देशवासियों को अफ्रीकी चीतों का दीदार करने का अवसर मिलेगा। चीतों के भारत आने की तैयारियां नामीबिया में अंतिम दौर में हैं।
![]() |
आखिरी समय में प्लान में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया गया कि नामीबिया से आठ चीतों को लेकर स्पेशल कार्गो प्लेन शनिवार (17 सितंबर) को जयपुर के बजाय ग्वालियर में उतरेगा। अधिकारियों ने कहा कि ग्वालियर में उतरने के बाद, जानवरों को मध्य प्रदेश के श्योपुर में कुनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।
योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे।
चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव के अनुसार, विशेष चार्टर कार्गो फ्लाइट ग्वालियर में उतरेगी। फिर ग्वालियर से हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क श्योपुर लाया जाएगा। इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया गया है।
विश्व में चीतों को शिफ्ट करने का काम एयरलाइन कंपनी पहली बार करने जा रही है। ये क्षण विमान कंपनी के लिए भी यादगार होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन 17 सितंबर के दिन खुद कूनो नेशनल पार्क में बने बाड़े में चीतों को आजाद कर देश के पहले चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे।
70 साल बाद भारत में लोगों को चीता देखने को मिलेगा। देशवासी इस ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से 5 मादा और तीन नर चीते भारत लाए जा रहे हैं। चीतों की उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। वहीं, ये जानकारी भी सामने आई है कि आठ चीतों में दो सगे भाई भी शामिल हैं।
चीता प्रोजेक्ट में शामिल एक एजेंसी चीता संरक्षण कोष से मिली जानकारी के अनुसार, एक चीते की उम्र साढ़े चार साल, एक की उम्र दो साल, एक की ढाई साल और एक की उम्र तीन से चार साल के बीच बतायी गई है। वहीं, एक चीते की उम्र 12 साल भी बताई गई है।
| Tweet![]() |