वीसीके ने ईसाई राष्ट्रपति को तरजीह दी, लेकिन यशवंत सिन्हा का किया समर्थन

Last Updated 23 Jun 2022 04:25:18 PM IST

तमिलनाडु की दलित राजनीतिक पार्टी, विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) चाहती थी कि एक ईसाई भारत का अगला राष्ट्रपति बने। वीसीके के संस्थापक अध्यक्ष और संसद सदस्य, थोल थिरुवामावलवन ने एक बयान में कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और दलित राष्ट्रपति बन गए हैं, लेकिन ईसाई समुदाय को कभी अवसर नहीं मिला।


वीसीके ने यशवंत सिन्हा का किया समर्थन

वीसीके के संस्थापक अध्यक्ष और संसद सदस्य, थोल थिरुवामावलवन ने कहा कि ईसाई देश का तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है और उन्हें कभी भी भारत के राष्ट्रपति बनने का अवसर नहीं दिया गया।

तेजतर्रार वीसीके नेता ने कहा कि भले ही वह और उनकी पार्टी चाहते थे कि एक ईसाई भारत का राष्ट्रपति बने, लेकिन वे राष्ट्रपति पद के लिए आम विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं।

वीसीके नेता और संसद सदस्य, डी. रविकुमार ने कहा कि एक ईसाई राष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार होता और ऐसा उम्मीदवार हिंदुत्ववादी ताकतों के हाथों देश भर में समुदाय द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को उजागर करता।

उन्होंने कहा कि जिस तरह देश में हिंदुत्ववादी तत्वों के हाथों मुश्किलों का सामना कर रहे मुस्लिम समुदाय की तरह ईसाइयों को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसका ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा है।

आईएएनएस
चेन्नई


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