बीजेपी में शामिल हुए हार्दिक पटेल, कहा- पीएम मोदी के सिपाही के तौर पर करुंगा काम

Last Updated 02 Jun 2022 01:05:44 PM IST

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल हो गए हैं। गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है।


हार्दिक BJP में शामिल

कभी भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाने वाले और पाटीदारों के लिए आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पटेल गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। वह इससे पहले कांग्रेस में थे। वह गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय कमलम में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी में शामिल हुए।

गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और भाजपा पदाधिकारियों की उपस्थिति में हार्दिक पटेल ने भगवा शॉल पहना। इससे पहले उन्होंने गांधीनगर हाईवे पर कोबा सर्कल से कमलम तक डीजे और ढोल बाजे के बीच रोड शो में हिस्सा लिया था।

 

भाजपा में शामिल होने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, सीएम भूपेंद्र पटेल, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष सी. आर. पाटील देश के हित के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

इससे पहले मोदी के कभी कटु आलोचक रहे पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करुंगा।’’


हार्दिक पटेल के साथ कांग्रेस की पूर्व विधायक श्वेता ब्रह्मभट्ट भी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं। सीआर पाटिल ने भगवा दुपट्टे से उनका स्वागत किया। श्वेता ने कहा, "कांग्रेस बिना दिशा और मार्गदर्शन वाली पार्टी है।"

उन्होंने कहा, "मेरे पास डिग्री के साथ अन्य करियर विकल्प हैं लेकिन मैं सामाजिक कार्य करने के लिए राजनीति में शामिल हुई हूं।"

गुजरात की 182-सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।

पटेल (28) ने 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था। कभी भाजपा के धुर आलोचक रहे पटेल के खिलाफ गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज किए थे।

पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और बाद में उन्हें राज्य इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया था। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, ऐसी अटकलें थीं कि वह राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी, जबकि फैसले करने की भाजपा की क्षमता और कार्यशैली की तारीफ की थी।

पटेल ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि पार्टी ने देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल ‘‘एक अवरोधक की भूमिका निभाई’’ है और वह ‘‘हर चीज का केवल विरोध करने तक ही सिमट गई’’ है।

वह 2015 में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। उन्होंने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 10 लोग मारे गए थे और सार्वजनिक संपत्तियों तथा वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा था।

पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 121 (ए) तथा 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था और वह 2016 से जमानत पर हैं।

भाजपा सरकार ने भी हाल ही में 2015 के आरक्षण आंदोलन के संबंध में हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए हैं।
 

 

आईएएनएस/भाषा
अहमदाबाद (गुजरात)


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