नकदी में बदली जा सकेगी डिजिटल करेंसी : मोदी

Last Updated 03 Feb 2022 03:31:30 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आम बजट में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा को नकदी में तब्दील किया जा सकता है और यह फाइनेंसियल टेक्नोलोजी (फिनटेक) क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगी।


भाजपा द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

यह कैश के प्रबंधन, छपाई, परिवहन संबंधी बोझ को कमकर क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटल करेंसी रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाएगी।

लोकसभा में आम बजट पेश होने के एक दिन बाद भाजपा द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या डिजिटल मुद्रा ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित बनाएगी तथा इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि इससे आने वाले समय में डिजिटल अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।  उन्होंने कहा, यह डिजिटल रूपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) से डिजिटल अर्थ-व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री, पार्टी के पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

महिलाओं को घर का मालकिन बनाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले सात सालों में उनकी सरकार ने तीन करोड़ गरीबों को ‘पक्का’ घर देकर उन्हें ‘लखपति’ बनाया है।

उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातार घर महिलाओं के नाम पर हैं, लिहाजा सरकार ने उन्हें भी घरों की ‘मालकिन’ बनाया है।

भाजपा द्वारा आयोजित ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब का बहुत बड़ा सपना उसका अपना घर भी होता है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में गरीबों के लिए 80 लाख पक्के घर बनाने की बात कही गई है और इस पर 48,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

उन्होंने कहा, ‘जब गरीब को अपना घर मिलता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। हम कभी गरीबों की ताकत जानते नहीं थे। गरीबों का राजनीतिक उपयोग करने वाले बहुत हुए।’  उन्होंने कहा कि जो गरीब थे और जो झोपड़पट्टी में रहते थे आज उनके पास अपना घर है और यह घर पूर्व के मुकाबले आकार में भी बड़े हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/भाषा
नई दिल्ली


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