प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से संपूर्ण कैबिनेट भावुक, आक्रोशित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई भारी चूक को लेकर बृहस्पतिवार को समस्त कैबिनेट भावुक, चिंतित और आक्रोशित था।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई खिलवाड़ न हो, इसके लिए ऐसी कठोर कार्रवाई करने की मांग की, जो एक मिसाल बने। कैबिनेट मंत्रियों ने यहां तक कहा कि जिस राज्य में प्रधानमंत्री सुरक्षित नहीं, वहां आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है ? क्या ऐसे राज्य में चुनाव कराना संभव है।
बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। सामान्य तौर पर यह बुधवार को होती है।
औपचारिक बैठक शुरू होने से पहले ही इस मुद्दे पर एक-एक कैबिनेट मंत्री ने अपनी व्यथा, व्याकुलता, चिंता और रोष को प्रकट किया। उन्होंने इसे असाधारण घटना कहा।
बैठक में पंजाब गए केंद्रीय मंत्रियों ने बताया कि जिस प्यारेवाला गांव के फ्लाईओवर के ऊपर प्रधानमंत्री का काफिला रोका गया था, वहां से एक बस उल्टी तरफ आ रही थी, तब जाकर एनएसजी ने काफिला रोका और जहां किसान बेरिकेड लगाकर खड़े थे, वहां पंजाब पुलिस के लोग उनके साथ चाय पी रहे थे जबकि दूसरी ओर गुरु द्वारों से अनाउंसमेंट की गई कि प्रधानमंत्री को दूसरी तरफ से भी घेर लो क्योंकि प्रधानमंत्री पुल के ऊपर थे इसलिए कहीं और मुड़ भी नहीं सकते थे।
बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई कि चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी की कार प्रधानमंत्री के काफिले का हिस्सा थी लेकिन दोनों ही न तो एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और न ही प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल हुए।
अनेक मंत्रियों में रोष इतना अधिक था कि उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग कर डाली। कुछ मंत्रियों का यह भी कहना था कि राज्य में चुनाव राष्ट्रपति शासन के दौरान ही कराया जाए, क्योंकि वर्तमान सरकार चुनाव नहीं करा सकती है।
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