भारत, नेपाल सहयोग का दायरा बढ़ाने पर सहमत

Last Updated 06 Jan 2022 07:52:23 PM IST

भारत और नेपाल विकास साझेदारी और कोविड महामारी से निपटने में आपसी सहयोग जारी रखेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार यह बात नेपाल के अपने समकक्ष नारायण खड़का से नए साल में पहली बार बात करने के बाद कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों देश सहयोग के विस्तार पर भी सहमत हुए हैं।


विदेश मंत्री एस. जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट किया, "नेपाल के विदेश मंत्री डॉ. नारायण खड़का के साथ नए साल में पहली बार फोन पर बात की। यह कई मोर्चो पर हुई प्रगति को जानने का अवसर था। हमारी विकास साझेदारी और कोविड सहयोग उल्लेखनीय है। हम आपसी सहयोग को व्यापक बनाने पर सहमत हुए।"

जनवरी, 2021 में वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से भारत ने 94 देशों और संयुक्त राष्ट्र की दो संस्थाओं को अनुदान, वाणिज्यिक निर्यात या कोवैक्स के माध्यम से कोविड टीकों की 723.435 लाख खुराक की आपूर्ति की है।

पहले घरेलू मांग पूरी करने खातिर कुछ समय के लिए वैक्सीन निर्यात को रोकने के बाद भारत ने नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, ईरान, पराग्वे और इंडोनेशिया सहित कई देशों को वैक्सीन की खुराक की आपूर्ति की है।

जहां तक नेपाल का संबंध है, भारत ने दिसंबर, 2021 तक हिमालयी राष्ट्र को वैक्सीन की 51.57 लाख खुराक की आपूर्ति की।

भारतीय कंपनियां नेपाल में सबसे बड़ी निवेशक हैं, जो कुल स्वीकृत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लगभग 40 प्रतिशत है। कुछ बड़े भारतीय निवेशकों में आईटीसी, डाबर इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, वीएसएनएल, टीसीआईएल, एमटीएनएल, एसबीआई, पीएनबी, एलआईसी, एशियन पेंट्स, कॉनकॉर, जीएमआर इंडिया, भूषण ग्रुप और टाटा पावर शामिल हैं।

नेपाल में लगभग 150 भारतीय उद्यम संचालित हैं। वे विनिर्माण, सेवाओं (बैंकिंग, बीमा, शुष्क बंदरगाह, शिक्षा और दूरसंचार), बिजली क्षेत्र और पर्यटन उद्योगों में लगे हुए हैं।

नेपाल सरकार ने 15 जुलाई, 2013 तक 6,325.50 करोड़ रुपये के प्रस्तावित एफडीआई के साथ कुल 2,652 विदेशी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। भारतीय उद्यमों ने 566 परियोजनाओं के साथ 2,539.2 करोड़ रुपये के एफडीआई का प्रस्ताव रखा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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