साल के पहले दिन मोदी सरकार ने दिया महंगाई का उपहार : कांग्रेस

Last Updated 01 Jan 2022 04:19:54 PM IST

कांग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार पर साल के पहले दिन हमला बोलते हुए कहा है कि बीते सात वर्षों की तरह इस वर्ष भी देश की जनता को जो उपहार मोदी सरकार द्वारा दिया जा रहा है, वो है 'महंगाई की मार का उपहार'।


कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो)

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। नवंबर 2021 में होलसेल प्राईज इंडैक्स 14.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था। उन्होंने दावा किया कि नए साल में इसका प्रभाव बहुत जल्दी महसूस होने लगेगा। इसलिए नए साल में प्रवेश करते हुए हमें हर सामान, चाहे वो दैनिक उपयोग का हो या सुख-समृद्धि का, रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों, या स्टील, सीमेंट व बिजली, सब पर हमें ज्यादा पैसा खर्च करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। रोजमर्रा के कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल या एटीएम से पैसे निकालने तक या फिर टोल टैक्स, हर चीज महंगी होने वाली है।

सुरजेवाला ने कहा कि फिनिश्ड गुड्स जैसे कपड़े, वस्त्र आदि सभी सामान अब ज्यादा महंगे हो जाएंगे, क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार इन सामानों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर रही है। 1000 रु. तक की कीमत वाले वस्त्रों पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेशों के विरोध के चलते तथा 5 राज्यों के चुनाव सामने देख अब इस बढ़ोत्तरी को आनन-फानन में 28 फरवरी तक मुल्तवी कर दिया गया है। इसका दुष्परिणाम ये होगा कि जीएसटी बढ़ाए जाने से कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा नौकरियां समाप्त हो जाएंगी। देश में वस्त्रों का 80 फीसदी उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है। वस्त्रों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने से पॉवरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के व्यवसाय व रोजगार के अवसर छिन जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कच्चे माल जैसे सूत, पैकिंग सामग्री एवं माल ढुलाई के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि से जल्द ही बाजार में कपड़ों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। जूते-चप्पलों पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। यह गरीब तथा आम जनमानस पर प्रहार है। फूड डिलीवरी सेवाओं तथा रेस्टोरेंट सर्विस के तहत आए 'क्लाउड किचन' पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिए और टैक्स देना होगा।

आरबीआई ने निशुल्क ट्रांजैक्शन की निर्धारित सीमा पूरी होने के बाद एटीएम से कैश निकालने पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। आरबीआई के मुताबिक, निशुल्क ट्रांजैक्शन की सीमा पूरी होने के बाद, बैंक अपने ग्राहकों से 21रुपये प्रति ट्रांजैक्शन शुल्क की वसूली करेंगे। ऑनलाइन टैक्सी/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी अब जेब पर ज्यादा भारी पड़ेगी। कार या ऑटोमोबाईल खरीदना भी महंगा हो जाएगा। लोग सुकून से एक चाय की प्याली भी नहीं पी सकते। 120 रुपये किलो की चाय अब 300 से 400 रुपयो किलो तक महंगी हो गई है। इतना ही नहीं नमक की कीमत भी 12 रुपए प्रति किलो से 22 रुपये किलो हो गई है।

सुरजेवाला ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) खाताधारकों को 1 जनवरी से एक विशेष सीमा के ऊपर कैश निकालने या जमा करने के लिए शुल्क देना पड़ेगा। बेसिक बचत खाते से हर माह 4 बार पैसा निकालना निशुल्क होगा। इसके बाद, हर बार पैसा निकालने पर 0.50 प्रतिशत शुल्क अदा करना होगा।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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