हरीश रावत की नाराजगी भी पार्टी के लिए एक नई मुसीबत
पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होने के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत की ‘नाराजगी’ ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
![]() उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत |
रावत के करीबी सूत्रों का दावा है कि वह पिछले कुछ महीनों से पार्टी के भीतर ही दरकिनार महसूस कर रहे हैं तथा यदि पार्टी आलाकमान ने दखल नहीं दिया और राज्य में कांग्रेस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो वह जल्द ही अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं।
स्थितियों में सुधार नहीं होने पर रावत राजनीति से संन्यास लेने तक का फैसला ले सकते हैं। रावत ने बुधवार को पार्टी संगठन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मन सब कुछ छोड़ने को कर रहा है।
रावत ने एक ट्वीट किया, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’
उन्होंने लिखा, ‘जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत, अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है।’
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