सुनवाई के लिए समय सीमा तय करने का वक्त आ गया

Last Updated 27 Nov 2021 02:13:03 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मुकदमों पर सुनवाई के लिए समयसीमा तय करने को लेकर कदम उठाने का वक्त आ गया है क्योंकि ‘बहुत कम समय’ बचा है और वकीलों ने एक मामले में इन्हीं बिन्दुओं पर बहस करने का अनुरोध किया है।


उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब न्यायमूर्ति एम एन वेंकटचलैया भारत के प्रधान न्यायाधीश (1993-1994) थे तो यह सुझाव दिया गया था कि मामलों पर सुनवाई के लिए एक समयसीमा होगी। न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, हमें इसके बारे में अब सोचने की जरूरत है। गंभीरता से इस पर विचार करिए। लंबे समय से यह विचार चल रहा है लेकिन हमने इसे लागू नहीं किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी को याद होगा कि प्रधान न्यायाधीश वेंकटचलैया के दौरान यह सुझाव दिया गया था कि हमारे पास सुनवाई के लिए समयसीमा होगी।

उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां की। उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का आवेदन स्थानांतरित करने का कैट की मुख्य पीठ का आदेश रद्द कर दिया था। बंदोपाध्याय ने केंद्र द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही कोलकाता से नई दिल्ली स्थानांतरित करने को चुनौती दी थी। पीठ ने इस मामले में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस संबंध में कदम उठाया जाए। पीठ ने कहा, कृपया पहल कीजिए। अब वक्त आ गया है। बहुत कम समय बचा है और कई वकील एक मामले में इन्हीं ¨बदुओं पर बहस करना चाहते हैं। यह हो रहा है। सुनवाई की शुरुआत में मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि क्या मामले पर 29 नवम्बर को सुनवाई हो सकती है क्योंकि उन्हें शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय बार संघ द्वारा आयोजित संविधान दिवस के कार्यक्रम में शामिल होना है। बंदोपाध्याय की ओर से पेश वकील सिंघवी ने पीठ से कहा कि प्रतिवादी ने मामले में अपनी लिखित दलीलें दाखिल की हैं। पीठ ने सिंघवी से कहा कि वह मेहता के दलीलें देने के बाद उन्हें सुनना चाहेगी।

उच्चतम न्यायालय ने मेहता से कहा कि अगर वह कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे हैं तो यह विषय आज का मुद्दा हो सकता है। इस पर मेहता ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, मैं संबोधित करने नहीं जा रहा हूं, मैं वहां मौजूद रहने जा रहा हूं। यह बार संघ का कार्यक्रम है और हमारा वहां मौजूदा रहना अनिवार्य है। पीठ ने उच्च न्यायालय के 29 अक्टूबर को दिए आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 29 नवम्बर की तारीख तय कर दी।

एसएनबी
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment