समय सीमा के बगैर भर्ती प्रक्रिया निर्थक होगी
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी सक्षम प्राधिकार द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया ‘समय सीमा के बगैर’ निर्थक होगी। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में पीएसी में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया है।
![]() उच्चतम न्यायालय |
शीर्ष अदालत ने अगस्त 2019 में उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ उप्र सरकार और अन्य की अपील को स्वीकार कर लिया। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था। एकल न्यायाधीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवार याचिकाकर्ता को 2015 में भर्ती विज्ञापन के अनुरूप दस्तावेज सत्यापन एवं शारीरिक दक्षता जांच में उपस्थित होने की अनुमति दें।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा, सक्षम अधिकारियों द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया समय सीमा के बगैर निर्थक होगी और इससे अगली भर्ती प्रक्रिया भी प्रभावित होगी क्योंकि अगली प्रक्रिया के लिए रिक्तियों की संख्या निर्धारित नहीं हो सकेगी। उच्चतम न्यायालय ने फैसले में कहा कि भर्ती प्रक्रिया 2015 में शुरू हुई और दस्तावेज सत्यापन एवं शारीरिक दक्षता जांच 2018 में हुई। पीठ ने अपने फैसले में गौर किया कि अधिकारियों ने 2015 में पीएसी (पुरुष) में कांस्टेबल के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले एक उम्मीदवार ने विज्ञापन के मुताबिक आवेदन किया था और उसे प्रवेश पत्र भी जारी हुआ तथा उसकी दक्षता की शुरुआती परीक्षा भी हुई।
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