कोरोना के सभी स्वरूपों में टीकाकरण प्रभावी
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के किसी भी स्वरूप में टीकाकरण प्रभावी है।
![]() एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया |
उन्होंने कहा कि अगर हम तेज गति से टीकाकरण करते रहें और नियमों का पालन करते रहें तो हम तीसरी लहर को या तो आने नहीं देंगे और अगर आए भी तो इतने ज्यादा मामले नहीं होंगे जितनी पहली और दूसरी लहर में आए थे।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण अब तो बहुत तेजी से हो रहा है और हम 100 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर चुके हैं। अब हमारे यहां संक्रमण के मामले भी कम हो रहे हैं। अगर हम टीकाकरण अभियान को तेजी से बढ़ाते रहें और कुछ हफ्तों के लिए कोविड से बचाव के उपायों को अपनाते रहें तो वायरस को फैलने का मौका नहीं मिलेगा।
हम ऐसी स्थिति में पहुंच सकते हैं कि इस महामारी से जल्दी ही बाहर आ जाएं। हमें बहुत सतर्क रहने की भी जरूरत है।
वायरस अगर अपना रूप परिवर्तित कर ले तो हमारी स्थिति थोड़ी सी बिगड़ सकती है इसलिए वायरस की निगरानी के साथ ही संक्रमण के मामलों की निगरानी करना भी जरूरी है।
डेल्टा वायरस के नए स्वरूप ‘एवाई.4.2’ को लेकर कुछ लोगों को आशंका है कि वह कुछ ज्यादा संक्रामक है। हमारे यहां जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसमें कहीं भी यह नहीं देखा गया कि एवाई.4.2 के मामले बढ़ रहे हैं। फिर भी, पूरी तरह से सतर्क रहने की जरूरत है।
कोई भी स्वरूप (वेरिएंट) हो, अगर हम कोविड से बचाव अनुकूल व्यवहार करेंगे तो उसको हम हम आगे फैलने नहीं देंगे। साथ ही टीका भी लगाते रहें। जहां भी मामले बढ़ रहे हैं, वहां अस्पतालों में भर्ती होने वालों और मरने वालों की संख्या में वृद्धि नहीं देखी जा रही है।
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