हिंदुत्व पर आरएसएस प्रमुख के विचार व्यापक, समग्र हैं : शिवसेना

Last Updated 27 Oct 2020 07:00:48 PM IST

शिवसेना ने मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हिंदुत्व पर विचारों को व्यापक और समग्र बताया और कहा कि उन्होंने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो समझते हैं कि जो लोग भाजपा के साथ नहीं हैं, वे हिंदू नहीं हैं।


शिवसेना

शिवसेना ने कहा कि भागवत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान मंदिरों को खोलने की मांग नहीं की, क्योंकि उनके विचार वैज्ञानिक हैं।         

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में उन्होंने लिखा, ‘‘वह टीके के विकास में निवेश के पक्षधर रहे हैं। महामारी के दौरान भाजपा के जो नेता मंदिरों को खोलने के पक्षधर रहें हैं उन्हें पहले भागवत को सुनना चाहिए।’’         

संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘कुछ ‘ठेकेदारों’ की विकृत विचारधारा है कि हिंदुत्व पर उनका एकाधिकार है और जो लोग भाजपा के साथ नहीं हैं, वे हिंदू नहीं हैं। आरएसएस प्रमुख ने उन्हें उनका स्थान दिखा दिया है।’’         

शिवसेना के नये प्रहार पर महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा, ‘‘शिवसेना ने हिंदुत्व का परित्याग कर दिया है और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उस दल को किसी भी मुद्दे पर भाजपा की आलोचना करनी है।’’         

नागपुर में आरएसएस के वाषिर्क दहशरा उत्सव पर भागवत ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र की संघ की अवधारणा न तो राजनीतिक है न ही शक्ति केंद्रित।          

उन्होंने दावा किया था कि हिंदुत्व शब्द भारत की 130 करोड़ आबादी पर लागू होता है जो भारत के साथ अपनी पहचान, परंपराओं और मूल्यों से जुड़े हुए हैं।

भाषा
मुंबई


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