कर्नाटक: कांग्रेस नेता DK शिवकुमार के 14 ठिकानों पर CBI रेड, 50 लाख कैश बरामद
सीबीआई ने कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में अनेक परिसरों की तलाशी के दौरान अब तक 50 लाख रुपये बरामद किये हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
![]() शिवकुमार के कई परिसरों की CBI ले रही तलाशी |
अधिकारियों के अनुसार सीबीआई आय से अधिक संपत्ति जुटाने से जुड़े मामले में तीन राज्यों में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार से जुड़े 14 स्थानों पर तलाशी ले रही है।
अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान दिन भर चल सकता है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने एक अन्य एजेंसी के सूत्र से प्राप्त जानकारी के आधार पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष शिवकुमार के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। यह जानकारी शिवकुमार के कर्नाटक सरकार में मंत्री रहने के दौरान आय से अधिक संपत्ति जुटाने से संबंधित है।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई के दलों ने सोमवार सुबह 14 स्थानों पर तलाशी शुरू की जिनमें कर्नाटक में नौ, दिल्ली में चार और मुंबई में एक स्थान है। अधिकारियों के अनुसार शिवकुमार, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के परिसरों से तलाशी के दौरान अब तक 50 लाख रुपये बरामद किये गये हैं।
सूत्रों के अनुसार जिन परिसरों पर तलाशी की कार्रवाई चल रही है उनमें शिवकुमार के भाई तथा बेंगलुरु ग्रामीण से लोकसभा सदस्य डी के सुरेश की संपत्तियां भी शामिल हैं। सीबीआई के अधिकारी आज सुबह बेंगलुरु में उनके आवास पर तथा कनकपुरा के डोड्डालाहल्ली में भी उनके परिसरों पर पहुंचे।
सीबीआई के एक बयान के अनुसार, ‘‘कर्नाटक सरकार के तत्कालीन मंत्री और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्तियां जुटाने के आरोप में सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। 14 स्थानों पर तलाशी चल रही है जिनमें नौ कर्नाटक में, चार दिल्ली में और एक मुंबई में हैं।’’
Karnataka: CBI raids underway at more than 15 premises of state Congress chief DK Shivakumar and his brother & MP DK Suresh, including the former's residence at Doddalahalli, Kanakapura and Sadashiva Nagar, in Bengaluru. More details awaited. pic.twitter.com/SPZ1i2sKo7
— ANI (@ANI) October 5, 2020
कांग्रेस नेताओं ने कर्नाटक के सीरा और आर आर नगर विधानसभा क्षेत्रों के लिए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले सीबीआई की कार्रवाई के समय पर सवाल खड़ा करते हुए केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकारों पर हमला किया है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी-येदियुरप्पा के डराने धमकाने और कुचक्र के कपटपूर्ण खेल को कठपुतली सीबीआई द्वारा डी के शिवकुमार के परिसरों पर छापे मारकर अंजाम दिया जा रहा है, जिससे हम डरने वाले नहीं हैं। सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार में भ्रष्टाचार की परतों को उजागर करना चाहिए। लेकिन ‘छापा राज’ ही उनका एकमात्र ‘कुटिल कदम’ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी और येदियुरप्पा की सरकारें और सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग जैसी भाजपा की सहयोगी संस्थाएं जानती हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ऐसे कपटपूर्ण प्रयासों के सामने न तो हतोत्साहित होंगे और ना ही झुकेंगे। जनता के लिए हमारी लड़ाई और भाजपा के कुशासन का पर्दाफाश करने का हमारा संकल्प और मजबूत ही होगा।’’
2/2
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 5, 2020
Let Modi & Yeddyurappa Govts & BJP’s frontal organizations i.e CBI-ED-Income Tax know that Congress workers & leaders will not be cowed down nor bow down before such devious attempts.
Our resolve to fight for people & expose BJP’s maladministration only becomes stronger. https://t.co/AfoJgxOsGl
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने भी ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा बदले की राजनीति में संलिप्त रहने और जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के घर पर सीबीआई का ताजा छापा उपचुनाव के लिए हमारी तैयारियों को बेपटरी करने का एक और प्रयास है।’’
.@BJP4India has always tried to indulge in vindictive politics & mislead public attention.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) October 5, 2020
The latest CBI raid on @KPCCPresident @DKShivakumar's house is another attempt to derail our preparation for bypolls.
I strongly condemn this.
कांग्रेस प्रवक्ता और कर्नाटक उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील ए एस पोन्नना ने तलाशी पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि अदालत ने सीबीआई से जल्दबाजी नहीं करने को कहा था क्योंकि शिवकुमार ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई को राज्य सरकार द्वारा जांच की अनुमति दिये जाने पर सवाल उठाया था।
इससे पहले शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में पिछले साल 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में रखा गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उन्हें 23 अक्टूबर को रिहा किया गया था।
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