महिला कार्यकर्ता ने की NHRC से भारत को 'दुष्कर्म-मुक्त' बनाने की अपील

Last Updated 01 Oct 2020 04:26:08 PM IST

देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए दुष्कर्म पीड़ितों के लिए सक्रिय रूप से काम करने वाली महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से आग्रह किया है कि वह हाथरस सामूहिक दुष्कर्म सहित हाल के इस तरह के मामलों पर संज्ञान ले।


भयाना ने एनएचआरसी से भारत को "दुष्कर्म-मुक्त राष्ट्र" बनाने के लिए एक तंत्र तैयार करने को कहा है। भायना ने एनएचआरसी को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उपरोक्त मामलों पर कृपया उचित संज्ञान लें और भारत को 'दुष्कर्म मुक्त देश' बनाने के लिए तंत्र पर काम करें।"

उन्होंने कहा, "मैं अपने प्यारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के विषय पर ध्यान आकर्षित करना चाहूंगी। मैं इन बहुत ही कम उम्र की लड़कियों की नृशंस हत्या के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में हुए क्रूर दुष्कर्मों से बहुत बेचैन हूं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में हर पंद्रह मिनट में एक महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। उस वर्ष 33,977 दुष्कर्म के मामले रिपोर्ट किए गए।"

मालूम हो कि भयाना दुष्कर्म के खिलाफ पीपल अगेंस्ट रैप्स इन इंडिया (परी) नामक एक फाउंडेशन चलाती हैं।

उन्होंने कहा कि 15 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए सामूहिक दुष्कर्म ने न केवल हमारे देश को हिला दिया है, बल्कि दुनियाभर के लोग भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

पत्र में कहा गया है, "इस विशेष घटना में शामिल अपराधियों ने लड़की पर अत्याचार के सभी स्तरों को पार कर लिया है, जो बेहद चौंकाने वाला और दुखद है। इसलिए, लड़की ने अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। मैंने इस विशेष मामले में प्रशासन और पुलिस के प्रति उदासीन रवैये को व्यक्तिगत रूप से देखा है।"

इस क्षेत्र में पिछले दो दशकों से काम कर रहीं दुष्कर्म-रोधी कार्यकर्ता ने यह भी कहा है कि एक अपराधी पीड़िता को जीवित नहीं छोड़ते और उसके साथ इतना अमानवीय व्यवहार किया जाता है कि वह दम तोड़ देती है। हाथरस पीड़िता की जीभ काट दी गई और उसकी रीढ़ की हड्डी में कई फ्रैक्चर भी हुए।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment