जम्मू-कश्मीर: 500 से ज्यादा कर्मचारी 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' के लिए जांच के दायरे में

Last Updated 04 Aug 2020 04:31:00 PM IST

जम्मू-कश्मीर के 500 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी जांच के दायरे में हैं और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।


केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने बीते सप्ताह ऐसी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों को नौकरी से निकालने की अनुशंसा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।

सूत्रों ने कहा कि करीब 500 कर्मचारी/अधिकारी जांच के दायरे में हैं और समिति द्वारा उनके पिछले रिकॉर्ड खंगालने के बाद सिफारिश करने के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

इस उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव कर रहे हैं, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, गृह एवं कानून विभाग के सचिव, डीजीपी और एडीजीपी (सीआईडी) शामिल हैं।

इस समिति का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) को लागू करने के तत्काल बाद किया गया, जोकि कुछ पूर्व निर्धारित आधार पर केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों से सिविल क्षमता में कार्य कर रहे कर्मचारी को हटाने, निलंबित करने या पदावनति करने का अधिकार देता है।

यह अनुच्छेद उन लोगों पर भी बिना जांच कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जो राष्ट्रविरोधी गतिविधि में संलिप्त हैं। सरकार अगर इस बात से संतुष्ट होती है कि किसी अधिकारी को हटाने की कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है तो वह वह ऐसा कदम उठा सकती है।

यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर में अुनच्छेद 370 की वजह से प्रभावी नहीं था। लेकिन पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया गया था, जिसके बाद यह प्रभावी हो गया।

इसके तहत, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को भी देश-विरोधी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से छूट नहीं मिलेगी।

आईएएनएस
श्रीनगर


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