भारी तैनाती के बीच भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता

Last Updated 22 Jun 2020 01:58:40 PM IST

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से कुछ ही मीटर की दूरी पर भारतीय सेना, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सामने डटकर खड़ी है, हालांकि इस बीच सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच मोल्डो में सीमा विवाद सुलझाने और एलएसी के पास तनाव कम करने के लिए कॉर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है।


(फाइल फोटो)

यह इस तरह की दूसरी बैठक है। इससे पहले 6 जून को इस मामले पर बैठक हुई थी।

14 कॉर्प्स कमांडर लफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ मेजर जनरल लिऊ लिन के बीच के बीच वार्ता हो रही है।

सूत्रों ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी, हालांकि जवानों का पीछे हटना अभी संभव नहीं लग रहा।

गलवान घाटी पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के बाद अब नए झड़प की जगह लद्दाख और पेंगोंग सो के बनने की संभावना है, जहां एलएसी के पास अंदरूनी इलाकों में सेना तोप और टैंक से लैस है।

पैंगोंग सो, में पीएलए के द्वारा एकतरफा एलएसी के पास सीमा पार करने की कोशिश की गई।

चीनी सेना लंबे समय से पैंगोंग लेक के पास डेरा जमाए है और वहां उनकी भारी उपस्थिति है। यह क्षेत्र भारत के नियंत्रण में रहा है और यही एलएसी के पास भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के संभावित समाधान का रोड़ा बना हुआ है।

चीन ने फिंगर 4 और 8 के बीच कई जगहों पर अपने सेना की तैनाती कर ली है जो कि पहले ग्रे जोन हुआ करती थी। पैंगोंग लेक में चीन की कार्रवाई को यथास्थिति बदलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

भारतीय सेना ने भी होट स्पिग्रंग, देमचोक, कोयुल, फुकचे, दीपसांग, मुर्गो और गलवान के पास अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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