पुरी रथयात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त इजाजत दी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुरी में होने वाली प्राचीन रथयात्रा को आयोजित करने की सशर्त इजाजत दे दी है।
![]() पुरी रथयात्रा (फाइल फोटो) |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रथयात्रा के आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर जरूरी एहतियाती कदम उठाने होंगे।
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर मंगलवार से शुरू होने वाली पुरी जगन्नाथ रथयात्रा से प्रतिबंध नहीं हटाया गया और परंपराओं को तोड़ा गया तो यह हिंदू देवता अगले 12 वर्षों तक रथयात्रा नहीं कर पाएंगे।
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि रथयात्रा बिना जनभागीदारी और श्रद्धालुओं के आयोजित की जा सकती है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष रथयात्रा मुद्दे का जिक्र किया।
'...तो भगवान जगन्नाथ 12 साल तक नहीं निकल सकते'
मेहता ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि "सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता। यह करोड़ों लोगों के लिए आस्था का विषय होगा। यदि भगवान जगन्नाथ कल मंदिर से नहीं निकलेंगे, तो परंपरा के अनुसार 12 साल तक बाहर नहीं आ सकते। यह सुनिश्चित करने के लिए कि महामारी आगे न फैले, इसके लिए सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी सेवित और पंडित जिनका कोरोना परीक्षण निगेटिव आया है वे शंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में भाग ले सकते हैं।
मेहता ने पीठ के समक्ष कहा, "पुरी के राजा और मंदिर समिति अनुष्ठानों की व्यवस्था की देखरेख कर सकती है।"
वहीं ओडिशा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वह कुछ सावधानियों के साथ रथयात्रा के संचालन के लिए केंद्र की बात से सहमत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन अनुप्रयोगों को सुनने पर सहमति व्यक्त की।
भाजपा नेता सांबित पात्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 18 जून के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था। आदेश में कोविड महामारी का हवाला देते हुए पुरी रथयात्रा पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था।
मंडली के बिना रथयात्रा की अनुमति के लिए कई व्यक्तियों और गैर सरकारी संगठनों की ओर से भी शीर्ष अदालत में कई आवेदन भेजे गए थे।
यह प्रसिद्ध रथयात्रा 23 जून को जगन्नाथ मंदिर से शुरू होनी है।
18 जून को कोर्ट ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह यात्रा नहीं निकालने के लिए कहा था।
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