सेना को खुली छूट, हालात को देखकर लेगी स्वयं निर्णय, अग्नियास्त्रों का भी करेगी इस्तेमाल

Last Updated 22 Jun 2020 12:51:52 AM IST

गलवान घाटी में धोखे से भारतीय सैनिकों पर चीनी सैनिकों के हमले की घटना के बाद भारत ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि हम वास्तविक सीमा रेखा पर तनाव नहीं बनाएंगे, लेकिन यदि दूसरी तरफ से तनाव बढ़ाने की कोशिश हुई तो उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (file photo)

सेना को तात्कालिक हालात को देखते हुए स्वयं निर्णय लेने की छूट भी दे दी गई।
मास्को रवाना होने से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सीडीएस बिपिन रावत, थल सेना अध्यक्ष एमएम नरवणो, वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष कर्मवीर सिंह के साथ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात की समीक्षा की। 
सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि ग्राउंड जीरो पर तैनात सैनिकों को वह सब अधिकार दिए जाएं, जो उस वक्त के हालात में जरूरी हों। गौरतलब है कि 15 और 16 जून को हुए संघर्ष में भारतीय सेना ने हथियार नहीं चलाए थे। इस बात को लेकर चारों तरफ आलोचना हुई थी। सैन्य सूत्रों ने बताया कि अब भारतीय सैनिक टकराव की हालत में अग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी समय से चली आ रही प्रथा को मानने के लिए बाध्य नहीं होंगे।

एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि अब से हमारा तरीका अलग होगा। ग्राउंड कमांडरों की स्थिति के अनुसार फैसला लेने की हमें पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मागरे में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और स्पष्ट किया था कि हमारी सेना किसी भी परिस्थिति का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सक्षम है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि जिन लोगों ने भारत मां की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत की थी, उन्हें माकूल जवाब दे दिया गया है। 

सैनिकों के लिए ‘सर्वत्र कवच’  तैयार किया

नई दिल्ली (एसएनबी)। गोला बारूद से बचाव के लिए सेना ने आतंकवादी रोधी अभियान में जुटे सैनिकों के लिए पूरी तरह से मेक इन इंडिया पर आधारित पूर्ण बॉडी कवच तैयार किया है। इसे जल्दी ही भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा। आतंकवादी रोधी अभियान में आतंकियों की गोली का सामना कर चुके मेजर अनूप मिश्रा की सोच पर ‘सर्वत्र कवच’ तैयार किया गया है। यह सभी प्रकार के छोटे गोला बारूद से गर्दन, धड़, कमर और जांघों को सुरक्षा प्रदान करता है। सर्वत्र कवच के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री, दुनिया में सबसे उन्नत है, हल्की, पानी और यूवी किरणों प्रतिरोधी है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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